उज्ज्वला योजना के तहत प्रवासी मजदूरों को अब बिना एड्रेस प्रूफ के भी मिलेगा गैस कनेक्शन: पीएम मोदी

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज उत्तर प्रदेश के महोबा से उज्ज्वला योजना 2।0 का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री के साथ इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे। इस दौरान सीएम योगी ने महोबा में महिलाओं को निशुल्क गैस कनेक्शन सौंपे।

‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को अब बिना एड्रेस प्रूफ के भी गैस कनेक्शन मिलेगा। एड्रेस प्रूफ की कॉपी की जगह सिर्फ एक सेल्फ डेक्लेरशन देना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि, ”बुंदेलखंड सहित पूरे यूपी और दूसरे राज्यों के हमारे अनेक साथी, काम करने के लिए गांव से शहर जाते हैं, दूसरे राज्य जाते हैं। लेकिन वहां उनके सामने एड्रेस के प्रमाण की समस्या आती है। ऐसे ही लाखों परिवारों को उज्ज्वला 2।0 योजना सबसे अधिक राहत देगी।”

उन्होंने आगे कहा, ”अब मेरे श्रमिक साथियों को एड्रेस के प्रमाण के लिए इधर-उधर भटकने की ज़रूरत नहीं है। सरकार को आपकी ईमानदारी पर पूरा भरोसा है। आपको अपने पते का सिर्फ एक सेल्फ डेक्लेरशन, यानि खुद लिखकर देना है और आपको गैस कनेक्शन मिल जाएगा।”

बता दें कि ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश के गरीब परिवारों को कुल एक करोड़ 47 लाख 43 हजार 862 एलपीजी कनेक्शन मुफ्त उपलब्ध कराए गए हैं। उज्ज्वला योजना के पहले चरण में छूटे हुए और योजना के दायरे में नहीं आने वाले गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण में लाभ मिलेगा।

पीएम मोदी ने कहा कि, उज्ज्वला योजना ने देश के जितने लोगों, जितनी महिलाओं का जीवन रोशन किया है, वो अभूतपूर्व है। ये योजना 2016 में उत्तर प्रदेश  के बलिया से, आजादी की लड़ाई के अग्रदूत मंगल पांडे जी की धरती से शुरु हुई थी। आज उज्ज्वला का दूसरे संस्करण भी यूपी के ही महोबा की वीरभूमि से शुरु हो रहा है। महोबा हो, बुंदेलखंड हो, ये तो देश की आज़ादी की एक प्रकार से ऊर्जा स्थली रही है। यहां के कण-कण में रानी लक्ष्मीबाई, रानी दुर्गावती, महाराजा छत्रसाल, वीर आल्हा और ऊदल जैसे अनेक वीर-वीरांगनाओं की शौर्यगाथाओं की सुगंध है।आज जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो ये आयोजन इन महान व्यक्तित्वों को स्मरण करने का भी अवसर लेकर आया है।“

प्रधानमंत्री ने हॉकी के जादूगर ध्यानचंद का नाम लेकर कहा कि, आज मैं बुंदेलखंड की एक और महान संतान को याद कर रहा हूं। मेजर ध्यान चंद, हमारे दद्दा ध्यानचंद। देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार का नाम अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न पुरस्कार हो गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि ओलंपिक में हमारे युवा साथियों के अभूतपूर्व प्रदर्शन के बीच खेल रत्न के साथ जुड़ा दद्दा का ये नाम, लाखों-करोड़ों युवाओं को प्रेरित करेगा। इस बार हमने देखा है कि, हमारे खिलाड़ियों ने मेडल तो जीते ही, अऩेक खेलों में दमदार प्रदर्शन करके भविष्य का संकेत भी दे दिया है।“

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