तुष्टिकरण की राजनीति भारत की प्रगति के लिए सबसे बड़ा खतरा’: राष्ट्रीय एकता दिवस पर पीएम मोदी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर गुजरात के केवडिया, जिसे अब एकता नगर के नाम से जाना जाता है, में सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर श्रद्धांजलि अर्पित की। यह दिन भारत के पहले गृह मंत्री पटेल को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर गुजरात के केवड़िया में सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है जिसे भारत हासिल नहीं कर सकता और ऐसी कोई प्रतिज्ञा नहीं है जिसे भारतीय पूरा नहीं कर सकते। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि तुष्टिकरण की राजनीति देश की प्रगति में सबसे बड़ी बाधा है।
इससे पहले प्रधानमंत्री ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर सरदार पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की। राष्ट्रीय एकता दिवस या राष्ट्रीय एकता दिवस देश के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की जयंती पर मनाया जाता है, जिन्हें भारत के लौह पुरुष के रूप में भी जाना जाता है। अपने संबोधन से पहले, पीएम मोदी ने एकता की शपथ दिलाई और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और गुजरात पुलिस के जवानों की परेड देखी।
शीर्ष उद्धरण :
मैं यहां भारत का एक छोटा संस्करण देख रहा हूं। अलग-अलग राज्यों से ताल्लुक रखने वाले, अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले लेकिन यहां मौजूद हर शख्स एकता की मजबूत डोर से बंधा हुआ है।
भारत की प्रगति और एकता की यात्रा में सबसे बड़ी बाधा तुष्टीकरण की राजनीति है। इतिहास ने हमें दिखाया है कि जो लोग तुष्टिकरण में लगे थे, वे आतंकवाद से उत्पन्न भयावहता और खतरों को कभी नहीं देख सकते थे। ऐसे लोगों को मानवता के दुश्मनों के साथ खड़े होने में कोई हिचकिचाहट नहीं है।
ये लोग आतंकी गतिविधियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई बरतते हैं। तुष्टिकरण की मानसिकता इतनी खतरनाक है कि कभी-कभी आतंकवादियों को बचाने के लिए आपको अदालतों तक ले जाना पड़ता है। ऐसी मानसिकता कभी भी किसी देश या समाज का भला नहीं कर सकती।
लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम, कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड और 31 अक्टूबर को नर्मदा नदी के तट पर राष्ट्रीय एकता दिवस का उत्सव भारत की प्रगति में त्रिशक्ति बन गए हैं।