पुलिस ने हल्द्वानी हिंसा के मास्टरमाइंड के रूप में अब्दुल मलिक की पहचान की, एनएसए के तहत केस दर्ज की तैयारी

Police identified Abdul Malik as the mastermind of Haldwani violence, preparing to register a case under NSA.
(Screenshot/Twitter Video

चिरौरी न्यूज

देहरादून: उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक अवैध मदरसे को ढहाए जाने के बाद हुई भीषण हिंसा के लिए पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता के रूप में अब्दुल मलिक की पहचान की है। कथित तौर पर मलिक ने स्थानीय लोगों को उकसाया जिसके कारण पुलिस और मौके पर मौजूद सरकारी अधिकारियों की टीम पर हमला हुआ।

हल्द्वानी हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और गुरुवार की घटना के संबंध में पांच प्राथमिकी दर्ज की हैं।

बताया जाता है कि मलिक उस जमीन का पर अपना दावा करता है जहां जिला प्रशासन की एक टीम अवैध ढांचे को गिराने गई थी। पुलिस मलिक पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर सकती है। मलिक के अलावा पुलिस हिंसा में भूमिका के लिए अन्य संदिग्धों की भी तलाश कर रही है। पुलिस मलिक की कॉल डिटेल और उसका पिछला रिकॉर्ड खंगाल रही है। शुरुआती जांच के मुताबिक, मलिक का दिल्ली में भी एक घर है।

हल्द्वानी हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश

उत्तराखंड सरकार ने बनभूलपुरा क्षेत्र की घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं, जहां गुरुवार को अवैध रूप से निर्मित मदरसे को ध्वस्त करने पर भीड़ द्वारा आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी। जांच रिपोर्ट अगले 15 दिन में सौंपनी होगी।

ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, हलद्वानी के बाहरी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है, लेकिन गुरुवार को हुई हिंसा का केंद्र बनभूलपुरा इलाके में यह अब भी लागू है। शहर के बाहरी इलाके में दुकानें शनिवार को खुलीं लेकिन स्कूल बंद हैं। लेकिन, बनभूलपुरा क्षेत्र, जहां अभी भी कर्फ्यू लागू है, के निवासियों को समय-समय पर आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति दी गई है। सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं।

काठगोदाम तक ट्रेनों की आवाजाही भी फिर से शुरू कर दी गई है क्योंकि कहीं से किसी ताजा अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। अधिकारियों ने कहा कि गुरुवार की हिंसा में छह दंगाई मारे गए।

गुरुवार को 60 से अधिक लोग घायल हो गए क्योंकि स्थानीय लोगों ने नगरपालिका कर्मचारियों और पुलिस पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके, जिससे कई पुलिस कर्मियों को पुलिस स्टेशन में शरण लेनी पड़ी, जिसके बाद भीड़ ने पुलिस थाना में आग लगा दी।

एक पत्रकार समेत सात लोगों का शुक्रवार को तीन अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा था। इनमें से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है।

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