लोकसभा अध्यक्ष के चुनाव में ओम बिरला के सामने के सुरेश, एनडीए और इंडिया गठबंधन के बीच आम सहमति नहीं

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: मंगलवार को सत्तारूढ़ भाजपा नीत एनडीए और विपक्ष के बीच लोक सभा अध्यक्ष के मुद्दे पर आम सहमति बनते बनते बिगड़ गई। अब इस पर चुनाव होंगे जिसमें भाजपा सांसद ओम बिरला के सामने विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में के सुरेश होंगे।
विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है और बिरला के निर्विरोध चुने जाने की उम्मीद खत्म कर दी है। इससे पहले ओम बिरला के नाम पर आम सहमति बनी थी लेकिन कांग्रेस सहित विपक्ष ने अपना मन अचानक बदल लिया।
विपक्षी दल इंडिया द्वारा अपने विकल्पों पर विचार करने की बात कहने के बाद सरकार ने लोकसभा अध्यक्ष उम्मीदवार पर आम सहमति बनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू को तैनात किया था।
ओम बिरला ने आम चुनावों में कोटा लोकसभा सीट 41,000 से अधिक मतों के अंतर से जीती थी।
इससे पहले, सूत्रों ने कहा था कि अगर एनडीए के लोकसभा अध्यक्ष उम्मीदवार पर आम सहमति बन जाती है तो उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिल सकता है। भाजपा ने 2014 में एआईएडीएमके के एम थंबी दुरई को उपसभापति नियुक्त किया था। यह पद 2019 से खाली है।
प्रोटेम स्पीकर भर्तृहरि महताब की नियुक्ति को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के बाद अध्यक्ष पद पर आम सहमति बनी है। सोमवार को विपक्षी नेताओं ने प्रोटेम स्पीकर की सहायता करने के लिए पैनल का हिस्सा बनने से इनकार कर दिया। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने सरकार पर अस्थायी पद के लिए लोकसभा के सबसे वरिष्ठ सदस्य को नियुक्त न करके परंपरा से भटकने का आरोप लगाया।
18वीं लोकसभा का पहला दिन हंगामेदार रहा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच 1975 में आपातकाल लागू करने को लेकर वाकयुद्ध हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 262 सांसदों के शपथ लेने के बाद विपक्ष ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। राहुल गांधी समेत इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने “लोकतंत्र बचाओ” के नारे लगाए और संविधान की प्रतियां प्रदर्शित कीं।