रविचंद्रन अश्विन ने संन्यास को लेकर बढ़ती अटकलों पर की बात: “जब तक सुधार की इच्छा बनी रहेगी, खेलता रहूँगा”

Ravichandran Ashwin spoke on the growing speculation about retirement, "As long as the desire to improve remains, I will keep playing"
(FIle Pic: Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के बेहतरीन स्पिनर रविचंद्रन अश्विन, जो अब 37 साल के हो चुके हैं, ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भविष्य को लेकर बढ़ती अटकलों पर खुलकर बात की है। वर्तमान में भारत की टेस्ट टीम के अहम खिलाड़ी अश्विन ने स्पष्ट किया है कि उनका संन्यास तभी होगा जब वह अपने खेल को बेहतर बनाने की इच्छा खो देंगे।

बांग्लादेश के खिलाफ भारत की घरेलू टेस्ट सीरीज से पहले विमल कुमार के साथ एक यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए अश्विन ने खुलासा किया कि उन्होंने संन्यास लेने की कोई खास समयसीमा तय नहीं की है। उनका निर्णय उनकी व्यक्तिगत प्रेरणा और प्रदर्शन पर निर्भर करेगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे 40 साल की उम्र तक खेलते रह सकते हैं, तो अश्विन ने कहा, “मेरे दिमाग में ऐसा कुछ नहीं है। मैं एक बार में केवल एक दिन के बारे में सोचता हूं, क्योंकि जब आप बड़े हो जाते हैं, तो हर दिन अतिरिक्त प्रयास करना पड़ता है। यह एक जैसा नहीं है। मैंने पिछले 3-4 सालों में बहुत प्रयास किया है। मैंने अभी (संन्यास) का फैसला नहीं किया है, लेकिन जिस दिन मुझे लगेगा कि मैं सुधार नहीं करना चाहता, मैं खेल छोड़ दूंगा। बस इतना ही।”

40 की उम्र के करीब होने के बावजूद अश्विन बेहद प्रेरित हैं और उन्होंने कहा कि खेल के प्रति उनका दैनिक प्रयास और जुनून उनके प्रदर्शन को बढ़ावा देता है। अश्विन वर्तमान में आईसीसी टेस्ट गेंदबाज रैंकिंग में शीर्ष स्थान पर हैं और भारत की आगामी पांच टेस्ट मैचों की घरेलू सीरीज में अहम भूमिका निभाएंगे। इस सीरीज की शुरुआत बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों और फिर न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों से होगी।

अश्विन ने 100 टेस्ट मैचों में 516 विकेट लेकर भारत के दूसरे सबसे ज़्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई है। उनसे आगे केवल अनिल कुंबले हैं, जिनके नाम 619 विकेट हैं। हालांकि कई लोगों का मानना ​​है कि अश्विन कुंबले के रिकॉर्ड को पार कर सकते हैं, लेकिन अश्विन ने ऐसे लक्ष्यों को कमतर आँका और अपने खेल का लुत्फ़ उठाने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा, “मैंने अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है। अनिल भाई चाहते हैं कि मैं उनका रिकॉर्ड तोड़ूँ, लेकिन मैं बस दिन-ब-दिन खुश हूँ। मैं लक्ष्य निर्धारित करके खेल के प्रति अपना प्यार नहीं खोना चाहता।”

अश्विन ने 2018 और 2020 के बीच सामने आई चुनौतियों पर भी विचार किया, जब चोटों और फ़ॉर्म ने उनके खेल को प्रभावित किया। उन्होंने बताया, “मुझे पता है कि उस कठिन दौर के बाद मेरी ज़िंदगी कैसे बदल गई। मैं बस क्रिकेट के प्रति अपने आनंद को बनाए रख रहा हूँ, और जिस पल मुझे लगेगा कि मैं इसे खो रहा हूँ, मैं इससे दूर हो जाऊँगा।”

अनुभवी गेंदबाज ने स्वीकार किया कि सभी खिलाड़ी अंततः खेल छोड़ देते हैं और दूसरे उनकी जगह लेंगे, जो भारतीय क्रिकेट की विरासत को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा, “हम सभी खेलते हैं और हम सभी को जाना पड़ता है। कोई और आएगा और अच्छा प्रदर्शन करेगा। यह भारतीय क्रिकेट है।”

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