भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के बीच सीरीज में लिया गया संन्यास के पीछे कोई और वजह है, जानिए पूरा सच

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिसबेन टेस्ट में शानदार संघर्ष के बाद, भारतीय टीम में एक अप्रत्याशित मोड़ आया, जब रविचंद्रन अश्विन ने अचानक अपने संन्यास का ऐलान किया। अश्विन, जो आधुनिक क्रिकेट के महानतम स्पिनरों में गिने जाते हैं, ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी विदाई का ऐलान किया। हालांकि, उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
अश्विन के संन्यास के फैसले ने पूरे क्रिकेट जगत को चौंका दिया, लेकिन जो लोग करीब से अश्विन को देखते थे, वे जानते थे कि यह फैसला अचानक नहीं था। एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अश्विन को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेलने को लेकर कई सवाल थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ भारत की टेस्ट सीरीज के बाद, जिसमें भारत को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा, अश्विन ने अपने भविष्य पर गंभीरता से विचार करना शुरू किया। उन्होंने चयनकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने की मांग की कि वे अंतिम-11 में होंगे।
चयनकर्ताओं ने अश्विन को भरोसा दिलाया, हालांकि, टीम में उन्हें स्थान पाने में कठिनाई आई। पहले ही वाशिंगटन सुंदर को तीसरे स्पिनर के रूप में लिया गया, और फिर पर्थ टेस्ट में उन्हें अंतिम-11 से बाहर किया गया। अश्विन के लिए यह एक बड़ा झटका था। इसके बाद, उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा से अपनी स्थिति पर चर्चा की और यह संकेत दिया कि वे खेल को छोड़ने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, रोहित ने उन्हें साथ रखने के लिए मनाया और वादा किया कि वह पिंक-बॉल टेस्ट में उन्हें अंतिम-11 में जगह देंगे, जो उन्होंने पूरा भी किया।
लेकिन जैसे-जैसे सीरीज आगे बढ़ी, रविंद्र जडेजा ने उन्हें पछाड़ दिया और तीसरे टेस्ट में अश्विन को फिर से बाहर कर दिया। अश्विन को यह स्पष्ट हो गया कि भविष्य में उनका स्थान अब टीम में नहीं है। वह समझ गए कि उनका स्थान अब जडेजा और सुंदर के बाद तीसरे नंबर पर है।
38 साल के अश्विन ने यह भी महसूस किया कि अगले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप चक्र तक वह टीम का हिस्सा नहीं रह सकते। हालांकि, उनके संन्यास के बावजूद, उनका सम्मान और रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट में हमेशा अमर रहेगा। 537 टेस्ट विकेट और कई रिकॉर्ड्स के साथ अश्विन ने भारतीय क्रिकेट को गौरवमयी क्षण दिए हैं।