पाकिस्तान की तारीफ करना अज्ञानता नहीं, देशद्रोह के बराबर: असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा का सख्त संदेश

चिरौरी न्यूज
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सोमवार को पाकिस्तान की वकालत करने वालों और “अमन की आशा” के नाम पर भारत में बैठे पाकिस्तान समर्थकों को लेकर सख्त प्रतिक्रिया दी। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक विस्तृत पोस्ट के ज़रिए उन्होंने पाकिस्तान में भारत समर्थक आवाज़ों के दमन का विस्तृत विवरण साझा किया और भारतीय ‘शांति प्रेमियों’ से सच्चाई को समझने की अपील की।
मुख्यमंत्री सरमा ने अपने पोस्ट में बताया कि पाकिस्तान में भारत के समर्थन में की गई सोशल मीडिया पोस्ट या लेखों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है, उन्हें सेंसर किया जाता है, और ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया जाता है, यहां तक कि लापता कर दिया जाता है।
उन्होंने छह बिंदुओं में पाकिस्तान में भारत समर्थकों की हालत बताई:
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निगरानी और प्रोफाइलिंग
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सेंसरशिप और कंटेंट हटाना
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कानूनी डराने-धमकाने की रणनीति
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गिरफ्तारी और टॉर्चर
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जबरन गुमशुदगी
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सामाजिक बहिष्कार और धमकियाँ
सीएम सरमा ने लिखा, “जो लोग भारत में बैठकर ‘अमन की आशा’ का पाठ पढ़ाते हैं, उन्हें समझना चाहिए कि पाकिस्तान में भारत के साथ शांति की बात करना अपराध माना जाता है। जबकि भारत में पाकिस्तान से शांति की बात करना स्वतंत्रता के तहत सहन किया जाता है, बहस होती है और कभी-कभी मुख्यधारा में इसे बढ़ावा भी दिया जाता है।”
उन्होंने आगे लिखा, “पाकिस्तान का महिमामंडन करना आदर्शवाद नहीं, या तो अज्ञानता है या फिर पाखंड — और इससे भी बुरा, यह अपनी मातृभूमि के साथ विश्वासघात है।”
गौरतलब है कि असम में अब तक कम से कम 39 लोगों, जिनमें AIUDF पार्टी के एक विधायक भी शामिल हैं, को पाकिस्तान समर्थक बयानों या सोशल मीडिया पोस्ट के चलते गिरफ्तार किया गया है।