स्वाद, संस्कृति और विरासत का उत्सव: दिल्ली में सजी 34वीं वार्षिक आम महोत्सव की रंगीन छटा
दिलीप गुहा
नई दिल्ली: दिल्ली पर्यटन एवं परिवहन विकास निगम लिमिटेड (DTTDC) ने दिल्ली सरकार के सहयोग से राजधानी के सबसे जीवंत और प्रिय सांस्कृतिक आयोजनों में से एक, 34वें वार्षिक आम महोत्सव का भव्य आयोजन किया। यह महोत्सव 27 जून 2025 को त्यागराज स्टेडियम, नई दिल्ली में माननीय मुख्यमंत्री श्रीमती रेखा गुप्ता द्वारा उद्घाटित किया गया और यह 29 जून 2025 तक चलेगा।
उद्घाटन समारोह में पर्यटन मंत्री माननीय श्री कपिल मिश्रा, मुख्य सचिव श्री धर्मेंद्र, विधायक श्री नीरज बासोया, और दिल्ली पर्यटन की प्रबंध निदेशक सुश्री निहारिका राय, सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
1987 में शुरू हुआ आम महोत्सव, अब एक बहुप्रतीक्षित ग्रीष्मकालीन परंपरा बन चुका है, जो हर साल आम प्रेमियों, बाग़ मालिकों, पाक कला विशेषज्ञों और सोशल मीडिया प्रभावशालियों को आकर्षित करता है। 2025 का संस्करण स्वाद, परंपरा और बागवानी विशेषज्ञता का सुंदर संगम प्रस्तुत करता है।
उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने बचपन की आमों से जुड़ी स्मृतियों को साझा करते हुए सभी को भावुक कर दिया। उन्होंने दिल्ली पर्यटन विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और सभी दिल्लीवासियों से इस रंगीन आयोजन में शामिल होने की अपील की। इस अवसर पर महोत्सव के आधिकारिक शुभंकर (मास्कॉट) का अनावरण भी किया गया, जिसने कार्यक्रम में एक आकर्षक और मनोरंजक स्पर्श जोड़ा।
महोत्सव में 400 से अधिक आम की किस्मों की प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें अंगूर जितने छोटे से लेकर पपीते जितने बड़े आमों तक की विविधता ने दर्शकों को चकित कर दिया। आगंतुकों को पारंपरिक व संकर किस्मों का स्वाद और जानकारी लेने का मौका मिला, जिनमें शामिल थे:
लंगड़ा, चौसा, रटौल, हुसैना, रामकेला, केसर, मल्लिका, आम्रपाली, फज़ली, लीची, हाथीझूल, हुसनारा और कई अन्य।
आम उत्पादक लखनऊ, बेंगलुरु, पंतनगर, भागलपुर, सहारनपुर, पूसा, मुज़फ्फरनगर, नई दिल्ली और सीतापुर जैसे शहरों से आए थे, जिन्होंने अपने क्षेत्रीय आमों की शान को राजधानी में प्रस्तुत किया।
आम महोत्सव न केवल बड़े और उभरते किसानों को मंच प्रदान करता है, बल्कि यह आम आधारित उत्पादों को प्रदर्शित करने और उपभोक्ताओं से सीधे जुड़ने का अवसर भी देता है। यह आयोजन कृषि नवाचार को बढ़ावा देता है और दुर्लभ किस्मों के संरक्षण के लिए भी प्रेरित करता है।
भारत, जहाँ विश्व की लगभग 1,500 आम किस्मों में से 1,000 किस्में पाई जाती हैं, वैश्विक आम उत्पादन में 40–64% का योगदान करता है। अकेले उत्तर प्रदेश में 25.76% से अधिक उत्पादन होता है। अन्य प्रमुख उत्पादक राज्य हैं: आंध्र प्रदेश, बिहार, ओडिशा, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और असम।
यह महोत्सव केवल स्वाद का उत्सव नहीं है, बल्कि आम के पोषण और औषधीय गुणों को भी उजागर करता है। आम में पाए जाने वाले विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर कोलेस्ट्रॉल घटाने, त्वचा को निखारने, लू से बचाने और दृष्टि सुधारने जैसे कई लाभ प्रदान करते हैं। चरक संहिता जैसे आयुर्वेदिक ग्रंथों में आम का उल्लेख इसके औषधीय उपयोगों के लिए किया गया है।
कालिदास की अभिज्ञान शाकुंतलम् से लेकर अमीर खुसरो की कविताओं तक, मंदिरों के अनुष्ठानों से पारंपरिक वस्त्रों की डिज़ाइन तक—आम भारतीय संस्कृति, साहित्य और आध्यात्मिकता का अभिन्न हिस्सा रहा है।
इस वर्ष के आयोजन में कई प्रमुख संस्थानों और किसान समूहों ने भाग लिया, जिनमें शामिल हैं:
- ICAR-IARI पूसा, CISH लखनऊ, जीबी पंत कृषि विश्वविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय (भागलपुर), तथा उद्यान निदेशालय, सहारनपुर।
- किसान मैंगो सोसाइटी, अर्थ मैंगो सोसाइटी, मलिहाबाद मैंगो एफपीसी, और सोसाइटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ मैंगो डाइवर्सिटी।
- साथ ही तारीक मुस्तफा, रामबीर, अख़लाक़ अली, मोहम्मद शाहिद और मोहम्मद जुनैद जैसे प्रसिद्ध आम उत्पादकों ने भी अपने बेहतरीन आम और अनुभव साझा किए।
यह महोत्सव एक पारिवारिक उत्सव के रूप में डिज़ाइन किया गया है, जिसमें हैं:
- आम खाने की प्रतियोगिताएं (महिला एवं पुरुष वर्ग)
- रोज़ाना सांस्कृतिक कार्यक्रम, भारतीय लोक और शास्त्रीय कलाओं की प्रस्तुति
- इंटरएक्टिव क्विज़, सेल्फ़ी पॉइंट्स, बच्चों के लिए खेल क्षेत्र
- झूलों की सवारी और आम से बने व्यंजनों के स्टॉल, जैसे—जूस, अचार, मिठाइयाँ
28 जून को प्रस्तावित आम खाने की प्रतियोगिता विशेष आकर्षण का केंद्र होगी।
34वां आम महोत्सव 29 जून 2025 तक, प्रतिदिन सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक, त्यागराज स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। प्रवेश पूर्णतः नि:शुल्क है, और INA मेट्रो स्टेशन से आयोजन स्थल तक दिल्ली पर्यटन द्वारा नि:शुल्क शटल सेवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।
दिल्ली पर्यटन सभी आम प्रेमियों, परिवारों, बच्चों और संस्कृति के उत्साहियों को आमंत्रित करता है कि वे इस रंगारंग और स्वाद से भरपूर उत्सव में शामिल हों और जीवन भर की मीठी यादें संजोएं, क्योंकि भारतीय गर्मी आमों के बिना अधूरी है!