भारत ने वजीरिस्तान हमले में पाकिस्तानी आरोपों को किया खारिज, ‘आरोप निंदनीय और निराधार’
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान सेना द्वारा वजीरिस्तान में हुए आत्मघाती हमले के पीछे भारत का हाथ होने के आरोपों को सख्ती से खारिज कर दिया है। शनिवार को उत्तर वजीरिस्तान के खादी क्षेत्र में हुए इस आत्मघाती हमले में 13 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई थी, जबकि 29 अन्य घायल हुए थे।
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर जारी एक आधिकारिक बयान में कहा, “हमने पाकिस्तान सेना का वह बयान देखा है, जिसमें 28 जून को वजीरिस्तान में हुए हमले के लिए भारत को दोषी ठहराया गया है। हम इस बयान को पूरी तरह से खारिज करते हैं और इसकी निंदा करते हैं।”
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमला उस समय हुआ जब सैन्य अभियान के चलते इलाके में कर्फ्यू लगा था। आत्मघाती हमलावर ने बारूद से भरी गाड़ी को एक बम निष्क्रिय करने वाली इकाई के माइन-रेज़िस्टेंट वाहन से टकरा दिया। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि 13 सैनिकों की मौके पर ही मौत हो गई और 29 लोग घायल हो गए, जिनमें 19 आम नागरिक शामिल हैं।
हमले के बाद क्षेत्र में अंधाधुंध फायरिंग की भी खबरें हैं, जिसमें महिलाएं और बच्चे भी घायल हुए। यह हमला हाल के महीनों में उत्तर वजीरिस्तान में हुआ सबसे घातक हमला माना जा रहा है।
हमले की जिम्मेदारी उरूसा अल-हरब (Usud al-Harab) नामक एक संगठन ने ली है, जो हाफिज गुल बहादुर गुट का उपगुट है और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) से जुड़ा हुआ है।
यह हमला उस समय हुआ जब कुछ दिन पहले ही दक्षिण वजीरिस्तान में एक खुफिया-आधारित ऑपरेशन (IBO) में दो पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे और 11 आतंकियों को ढेर किया गया था।
इस हमले ने पाकिस्तान में विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले महीने बलूचिस्तान के किला अब्दुल्ला जिले के गुलिस्तान क्षेत्र में भी एक कार बम धमाके में चार लोगों की मौत हो गई थी और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे।
भारत ने साफ किया है कि पाकिस्तान को आतंरिक समस्याओं का हल स्वयं करना चाहिए, बजाय इसके कि वह भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए।