प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की त्रिनिडाड और टोबैगो यात्रा: ग्लोबल साउथ पर भारत के फोकस का प्रमाण, ऐतिहासिक संबंधों को मिलेगा नया आयाम
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सप्ताह त्रिनिडाड और टोबैगो (T&T) तथा घाना की यात्रा पर हैं, जो भारत के ग्लोबल साउथ पर केंद्रित दृष्टिकोण का एक मजबूत संकेत है। विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को बताया कि यह यात्रा ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट’ की निरंतरता है, जिसे भारत ने G20 की अध्यक्षता के दौरान शुरू किया था।
PM मोदी की यह पांच देशों की यात्रा है, जिसकी शुरुआत घाना (2-3 जुलाई) से होगी। इसके बाद वह क्रमशः त्रिनिडाड और टोबैगो, अर्जेंटीना (4-5 जुलाई), ब्राजील (5-8 जुलाई) और नामीबिया (9 जुलाई) जाएंगे। त्रिनिडाड और टोबैगो की यह यात्रा बतौर प्रधानमंत्री मोदी की पहली यात्रा होगी और 1999 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा भी।
त्रिनिडाड और टोबैगो: भारत से ऐतिहासिक संबंध
MEA की सचिव (दक्षिण) नीना मल्होत्रा ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि यह यात्रा खास तौर पर इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 2025 में त्रिनिडाड और टोबैगो भारतीय प्रवासियों के आगमन की 180वीं वर्षगांठ मना रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी वहां के राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला पसाद बिसेसर से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। साथ ही वे T&T की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित भी करेंगे, जो भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं और साझा मूल्यों का प्रतीक होगा।
साझा विरासत और मजबूत डायलॉग
त्रिनिडाड और टोबैगो की कुल 1.36 मिलियन जनसंख्या में से लगभग 40-45% भारतीय मूल के लोग हैं। ये प्रवासी 1845 से वहां बसना शुरू हुए और आज भी भारत से गहरे सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंध बनाए हुए हैं।
नीना मल्होत्रा ने बताया कि संसद में मौजूद स्पीकर की कुर्सी भारत की ओर से उपहार स्वरूप दी गई थी, जो दोनों देशों के मजबूत लोकतांत्रिक संबंधों की प्रतीक है। उन्होंने कहा कि T&T के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ही भारतीय मूल की हैं और स्वयं को “भारत की बेटियाँ” कहकर गर्व महसूस करती हैं।
सहयोग के नए क्षेत्र
दोनों देश अब फार्मास्युटिकल्स, रिन्यूएबल एनर्जी, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि, आपदा प्रबंधन, नवाचार, खेल, शिक्षा और संस्कृति जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
PM मोदी की इस यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद है, जिससे भारत-त्रिनिडाड और टोबैगो के संबंध और अधिक सशक्त होंगे। सहयोग में कैपेसिटी बिल्डिंग, स्वास्थ्य सेवा, और विकास साझेदारी के विविध पहलू शामिल होंगे।
MEA के अनुसार, PM मोदी के इस दौरे को लेकर भारतीय समुदाय में भारी उत्साह है और उनके लिए एक विशाल प्रवासी संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है।
क्षेत्रीय और वैश्विक नेतृत्व में भारत की भूमिका
PM मोदी पहले भी T&T के पूर्व प्रधानमंत्रियों से CHOGM (2018), UNGA (2019) और India-CARICOM सम्मेलनों (2020 और 2024) के दौरान मिल चुके हैं। पिछले आठ महीनों में पेरू, चिली, होंडुरास और जमैका जैसे कई ग्लोबल साउथ देशों के नेताओं की भारत यात्रा हो चुकी है।
यह यात्रा भारत के लिए राजनयिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जो न केवल दोनों देशों के संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी, बल्कि ग्लोबल साउथ में भारत की भूमिका को और भी सशक्त बनाएगी।