विंबलडन 2025: नोवाक जोकोविच ने धीमी शुरुआत से उबरते हुए एलेक्स डी मिनौर को हराकर 16वीं बार क्वार्टर फाइनल में बनाई जगह
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: सात बार के चैंपियन नोवाक जोकोविच ने विंबलडन 2025 के क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली है, जहां उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के एलेक्स डी मिनौर को सोमवार को खेले गए मुकाबले में 1-6, 6-4, 6-4, 6-4 से हराया। यह जोकोविच की विंबलडन क्वार्टर फाइनल में रिकॉर्ड 16वीं एंट्री है, जो उन्हें आठवीं बार खिताब जीतने के करीब ले जाती है।
मैच की शुरुआत में जोकोविच लय में नहीं दिखे। डी मिनौर ने सेंटर कोर्ट पर तेज हवाओं के बीच पहले सेट में उन्हें तीन बार ब्रेक करते हुए 6-1 से जीत दर्ज की। 37 वर्षीय सर्ब स्टार उस दौरान गेंद की गति और दिशा को लेकर संघर्ष करते नजर आए।
मैच के बाद जोकोविच ने कहा, “मैं अब भी मैच को समझने की कोशिश कर रहा हूं। शुरुआत अच्छी नहीं रही, उन्होंने मेरी सर्विस तीन बार तोड़ी। हवा तेज और घुमावदार थी, और वह बैक कोर्ट से बेहतर खेल रहे थे।”
लेकिन जोकोविच ने एक बार फिर अपने अनुभव और मानसिक मजबूती का प्रदर्शन किया। दूसरे सेट में 4-5 से पीछे होने के बावजूद उन्होंने ब्रेक प्वाइंट बचाए और सेट को अपने नाम किया। इसके बाद उन्होंने बेसलाइन से सटीक शॉट्स और कम त्रुटियों के साथ मुकाबले पर पकड़ मजबूत की और चौथे सेट में 1-4 से पिछड़ने के बावजूद वापसी करते हुए जीत दर्ज की। मैच 3 घंटे 18 मिनट तक चला।
उन्होंने कहा, “यह बहुत ही ‘कैट-एंड-माउस’ जैसा खेल था। डी मिनौर टूर के सबसे तेज खिलाड़ियों में से एक हैं। घास के कोर्ट पर जहां बॉल कम उछलती है, वहां उनके खिलाफ खेलना आसान नहीं होता अगर आप खुद को लेकर सहज नहीं हैं। वह आपकी कमजोरियों को उजागर कर देते हैं। मैं खुश हूं कि अहम पलों में मैं डटा रहा।”
इस जीत के साथ जोकोविच ने विंबलडन में अपने करियर रिकॉर्ड को 101-11 तक पहुंचा दिया है, जो कि रोजर फेडरर (105 जीत) के बाद दूसरा सर्वश्रेष्ठ आंकड़ा है। मैच के दौरान फेडरर रॉयल बॉक्स से मुकाबला देख रहे थे। जोकोविच ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “कभी-कभी लगता है काश मेरे पास भी उस सज्जन व्यक्ति (फेडरर) जैसा सर्व एंड वॉली और टच होता।”
अब जोकोविच का सामना क्वार्टर फाइनल में इटली के युवा खिलाड़ी फ्लावियो कोबोली से होगा, जिन्होंने मारिन चिलिच को हराकर अपने करियर का पहला विंबलडन क्वार्टर फाइनल हासिल किया है।
जोकोविच अब अपने 25वें ग्रैंड स्लैम खिताब और आठवीं विंबलडन ट्रॉफी से सिर्फ तीन जीत दूर हैं। एक बार फिर, वह इतिहास रचने की दहलीज पर खड़े हैं।