2008 मालेगांव ब्लास्ट केस: पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर सहित सभी सात आरोपी बरी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: मुंबई: 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में गुरुवार को एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की अदालत ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। इन आरोपियों में पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित शामिल हैं।
कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA), शस्त्र अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत लगाए गए सभी आरोप सबूतों के अभाव में खारिज कर दिए।
यह विस्फोट 29 सितंबर 2008 को नासिक जिले के मालेगांव शहर में भिक्खु चौक मस्जिद के पास हुआ था, जब एक मोटरसाइकिल में बम विस्फोट हुआ। यह घटना रमज़ान के पवित्र महीने और नवरात्रि के कुछ दिन पहले हुई थी, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
करीब 17 साल तक चले इस मुकदमे में गुरुवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाया। अदालत ने सभी मृतकों के परिवारों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये मुआवजा देने का आदेश भी दिया।
मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने 323 गवाह पेश किए, जिनमें से 34 गवाह मुकर गए, जिससे केस कमजोर हुआ। शुरुआती जांच महाराष्ट्र एंटी टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) ने की थी और पहली चार्जशीट भी उसी ने दाखिल की थी। वर्ष 2011 में यह जांच एनआईए को सौंप दी गई।
2016 में एनआईए ने एक पूरक चार्जशीट दाखिल कर कुछ आरोपियों के खिलाफ लगाए गए सख्त आतंकवाद निरोधक कानूनों के तहत आरोप हटाने की सिफारिश की थी। सभी आरोपी ट्रायल के दौरान जमानत पर थे और उन पर साजिश, हत्या और विस्फोटक सामग्री का उपयोग जैसे गंभीर आरोप लगे थे।
अदालत ने अप्रैल में सुनवाई पूरी होने के बाद 19 अप्रैल को फैसला सुरक्षित रख लिया था। केस की जटिलता और दस्तावेज़ों की भारी संख्या (एक लाख से अधिक पेज) को देखते हुए अदालत ने विस्तृत जांच के बाद यह फैसला सुनाया।