प्रधानमंत्री मोदी की सफल चीन यात्रा उनके कूटनीतिक कौशल का प्रमाण: राजनाथ सिंह

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा को लेकर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को उनकी सराहना करते हुए इसे भारत की वैश्विक कूटनीतिक और रणनीतिक उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया मंच X पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री श्री @narendramodi की सफल चीन यात्रा उनकी कूटनीतिक दक्षता और भारत की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं को पुनः आकार देने की क्षमता का प्रमाण है। उनकी यह यात्रा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के साथ भारत के जुड़ाव को और सशक्त बनाएगी। यह दौरा भारत की वैश्विक पटल पर स्थिति को और मजबूत करेगा। मैं प्रधानमंत्री मोदी को इस अत्यंत सफल यात्रा के लिए बधाई देता हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी जापान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा के बाद शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन पहुंचे थे। इस सम्मेलन में उनकी उपस्थिति को यूरेशिया क्षेत्र में भारत के प्रभाव को सुदृढ़ करने और प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ भारत के राजनयिक संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
शनिवार को एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारत की बदलती विदेश नीति पर बोलते हुए ‘आत्मनिर्भरता’ यानी आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि भारत हमेशा अपने राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि रखेगा। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “दुनिया में कोई स्थायी मित्र या शत्रु नहीं होते, केवल स्थायी हित होते हैं।” यह बयान भारत के वैश्विक कूटनीति में व्यावहारिक दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।
इस दौरान उन्होंने वैश्विक व्यापार में उभरती चुनौतियों की भी चर्चा की और कहा कि विकसित देशों के बीच संरक्षणवाद (protectionism) की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिससे वैश्विक व्यापार प्रणाली पर प्रभाव पड़ रहा है।
राजनाथ सिंह की यह टिप्पणी उस समय आई जब विपक्षी दल, विशेष रूप से कांग्रेस, प्रधानमंत्री मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बातचीत की टाइमिंग और संदेश को लेकर सवाल उठा रहे थे। रविवार को कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि वे चीन की “शत्रुतापूर्ण कार्रवाइयों” के बावजूद उस पर कठोर रुख अपनाने में विफल रहे हैं।
ऐसे माहौल में राजनाथ सिंह का यह बयान न केवल विपक्ष की आलोचना का करारा जवाब है, बल्कि यह सरकार की कूटनीतिक नीति की स्पष्ट व्याख्या भी है — जिसमें संवाद को प्राथमिकता दी जाती है, लेकिन राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं किया जाता। उनकी इस बात में यह संदेश निहित है कि प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा कमजोरी का संकेत नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक परिपक्वता और संतुलनकारी विदेश नीति का परिचायक है।
रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री की यात्रा को न केवल SCO जैसे बहुपक्षीय मंच पर भारत की स्थिति को सुदृढ़ करने वाला बताया, बल्कि यह भी स्पष्ट किया कि आज का भारत अपनी कूटनीतिक सूझबूझ और आत्मनिर्भर सोच के साथ वैश्विक मंचों पर अपनी भूमिका को नए सिरे से परिभाषित कर रहा है।