सीपीआई (माओवादी) ने अस्थायी रूप से बंद की सशस्त्र लड़ाई, केंद्र सरकार से एक माह के ‘सीजफायर’ की मांग

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रतिबंधित संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने एक कथित बयान में अपने सशस्त्र संघर्ष को अस्थायी रूप से रोकने की घोषणा की है और केंद्र सरकार से शांति वार्ता की पहल के लिए एक माह का ‘सीजफायर’ घोषित करने की मांग की है। यह बयान 15 अगस्त को जारी किया गया और मंगलवार को सोशल मीडिया पर सामने आया।
बयान में संगठन ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह इस मुद्दे पर अपना पक्ष इंटरनेट और सरकारी समाचार माध्यमों, जैसे रेडियो, के जरिए साझा करे। यह बयान माओवादी केंद्रीय समिति के प्रवक्ता ‘अभय’ के नाम से जारी किया गया है। यह वही संगठन है जिसका महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू चार महीने पहले छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।
राज्य के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बयान की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है। उन्होंने कहा, “सीजफायर शब्द आपत्तिजनक है क्योंकि यह युद्ध जैसी स्थिति नहीं है। लोकतंत्र में संवाद बिना शर्त होना चाहिए। हालांकि, हम बयान की पुष्टि के बाद सरकार में चर्चा करेंगे। माओवादियों के लिए सबसे बेहतर रास्ता आत्मसमर्पण कर पुनर्वास योजनाओं का लाभ लेना है।”
माओवादियों ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने पहले भी सरकार को एक माह के सीजफायर का प्रस्ताव दिया था ताकि संगठन के वरिष्ठ नेताओं से राय ली जा सके, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया और उल्टे ऑपरेशन तेज कर दिए।
बयान में कहा गया, “हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि बदलते वैश्विक और राष्ट्रीय परिदृश्य, तथा प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की लगातार की जा रही अपीलों को ध्यान में रखते हुए हमने हथियार छोड़ने का निर्णय लिया है। हम भविष्य में जनता के हितों के लिए संघर्ष कर रहे सभी राजनीतिक दलों और संगठनों के साथ मिलकर कार्य करने को तैयार हैं।”
संगठन ने मांग की है कि सरकार एक माह के लिए औपचारिक सीजफायर घोषित करे और तलाशी अभियानों को रोका जाए। पुलिस ने कहा कि इस कथित प्रेस रिलीज को लेकर पुलिस ने संज्ञान लिया है और इसकी प्रामाणिकता की जांच की जा रही है।