अहमदाबाद टेस्ट: राहुल, जुरेल और जडेजा के शतक; वेस्टइंडीज की बेबस गेंदबाज़ी के बीच भारत की मजबूत पकड़

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में चल रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन भारतीय बल्लेबाज़ों ने मानो नेट प्रैक्टिस का ही आनंद लिया। केएल राहुल, ध्रुव जुरेल और रवींद्र जडेजा ने शानदार शतक जमाते हुए वेस्टइंडीज पर पूरी तरह दबाव बना दिया। शुक्रवार, 3 अक्टूबर को जब दिन का खेल खत्म हुआ, तब भारत ने 5 विकेट पर 448 रन बना लिए थे और पारी घोषित करने का कोई इरादा नहीं दिखा रहा था।
भारत ने दिन की शुरुआत 121/2 के स्कोर से की और संयम व धैर्य का प्रदर्शन करते हुए पारी को मज़बूती से आगे बढ़ाया। यह बल्लेबाज़ी “बाज़बॉल” की आक्रामक शैली से अलग थी — यहां भारतीय बल्लेबाज़ों ने परिस्थितियों का सम्मान किया और टेस्ट क्रिकेट की मूलभूत बातों को अपनाया।
रवींद्र जडेजा ने अपने टेस्ट करियर का छठा शतक पूरा किया और इस साल का यह उनका सातवां 50+ स्कोर रहा। वह सबसे आक्रामक बल्लेबाज़ के रूप में सामने आए और 5 चौकों की मदद से 104* रन बनाकर नाबाद लौटे।
ध्रुव जुरेल ने अपने घरेलू मैदान पर खेलते हुए टेस्ट क्रिकेट में पहला शतक जड़ा और खास अंदाज़ में अपने पिता — एक सेवानिवृत्त आर्मी हवलदार — को श्रद्धांजलि दी। शतक के बाद उन्होंने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ की तरह मार्च करते हुए जश्न मनाया। वहीं केएल राहुल ने नौ साल बाद अपने घरेलू मैदान पर टेस्ट शतक लगाते हुए उसे अपनी नवजात बेटी को समर्पित किया।
वेस्टइंडीज की गेंदबाज़ी बेहद फीकी रही। कप्तान रोस्टन चेज़ और उनके साथियों की रणनीति में कोई धार नहीं दिखी। सबसे चौंकाने वाला फैसला तब आया जब उन्होंने दूसरी नई गेंद को 18 ओवर देर से लिया, जिससे भारत को और भी खुलकर खेलने का मौका मिल गया।
पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज़ आकाश चोपड़ा ने वेस्टइंडीज की नकारात्मक सोच पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “यह औसत प्रदर्शन सोच से शुरू होता है। जब सोच ही मामूली हो, तो प्रदर्शन भी वैसा ही होगा। यह टीम नकारात्मक मानसिकता के साथ खेल रही है।”
इस बीच, वेस्टइंडीज के तेज़ गेंदबाज़ जेडन सील्स की चोट और डेब्यू कर रहे पेसर जोहन लेन पर कप्तान के भरोसे की कमी ने उनके गेंदबाज़ी आक्रमण को पूरी तरह से प्रभावहीन बना दिया।
विडंबना यह रही कि जिस दिन वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड ने महान खिलाड़ियों के साथ मिलकर क्रिकेट की गिरती साख को बचाने के लिए नई योजनाएं पेश कीं, उसी दिन उनकी टीम ने मैदान पर मानसिकता और जुझारूपन की सबसे बड़ी कमी उजागर कर दी।
भारत दौरे पर आने से पहले ही 0-3 की हार और त्रिनिदाद में 27 रन पर सिमटी पारी ने वेस्टइंडीज की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए थे, लेकिन अहमदाबाद में दिखा प्रदर्शन तो और भी निराशाजनक रहा। न बल्लेबाज़ों में संघर्ष दिखा और न गेंदबाज़ों में कोई धार — और यह अंतर सिर्फ स्कोर में नहीं, बल्कि स्टेडियम की खाली सीटों में भी साफ दिखाई दे रहा था।
