G20 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का आह्वान: विकास की वैश्विक प्राथमिकताओं में “कोर्स करेक्शन” की जरूरत
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: जोहान्सबर्ग में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक विकास मॉडल में व्यापक बदलाव की जरूरत पर जोर देते हुए सदस्य देशों से ऐसी नीतियाँ अपनाने का आग्रह किया जो समावेशी, टिकाऊ और सभ्यतागत ज्ञान पर आधारित हों।
अफ्रीकी महाद्वीप पहली बार G20 की मेज़बानी कर रहा है। इस मौके को ऐतिहासिक बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया को अब प्रगति को मापने के मानकों पर पुनर्विचार करना होगा, खासकर उन क्षेत्रों के लिए जो दशकों से संसाधनों की कमी और पर्यावरणीय असंतुलन झेलते आए हैं।
इंटीग्रल ह्यूमनिज्म से प्रेरित समावेशी विकास
“समावेशी और सतत आर्थिक विकास” पर केंद्रित सत्र में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का इंटीग्रल ह्यूमनिज्म दर्शन संतुलित और मानवीय विकास की दिशा में एक प्रभावी मार्गदर्शक सिद्ध हो सकता है।
इसके साथ ही उन्होंने ज्ञान, कौशल और सुरक्षा के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग को नए रूप में गढ़ने के लिए तीन बड़े प्रस्ताव रखे।
ग्लोबल ट्रेडिशनल नॉलेज रिपॉजिटरी
पीएम मोदी ने पारंपरिक, पर्यावरण-संतुलित जीवनशैली और समाधान के संरक्षण का आह्वान करते हुए G20 के तहत ग्लोबल ट्रेडिशनल नॉलेज रिपॉजिटरी बनाने का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा कि भारत का Indian Knowledge Systems कार्यक्रम इस वैश्विक मंच के लिए आधार बन सकता है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर की समुदाय-आधारित, सांस्कृतिक और टिकाऊ प्रथाओं को दस्तावेज़बद्ध और साझा करना है।
यह पहल स्वास्थ्य, पर्यावरण और सामाजिक सामंजस्य पर आधारित पारंपरिक ज्ञान को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने में मदद करेगी।
G20–अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर इनिशिएटिव
अफ्रीका की उभरती युवा आबादी को अवसर देने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने G20–अफ्रीका स्किल्स मल्टीप्लायर पहल की घोषणा की। यह ट्रेन-द-ट्रेनर मॉडल पर आधारित होगी। 10 वर्षों में अफ्रीका में 10 लाख प्रमाणित प्रशिक्षक तैयार करना।
ये प्रशिक्षक आगे करोड़ों युवाओं को कौशल प्रदान करेंगे, जिससे महाद्वीप में रोजगार और आर्थिक विकास के नए द्वार खुलेंगे।
मोदी ने याद दिलाया कि भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान ही अफ्रीकी संघ को G20 में स्थायी सदस्यता दी गई थी। स्वास्थ्य संकटों और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए पीएम मोदी ने G20 ग्लोबल हेल्थकेयर रिस्पॉन्स टीम बनाने का प्रस्ताव दिया।
यह टीम सदस्य देशों के प्रशिक्षित चिकित्सा विशेषज्ञों का समूह होगी, जिसे आपात स्थितियों में तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जा सकेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सामूहिक तैयारी और तेजी से कार्रवाई ही वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा का आधार बन सकती है।
ड्रग–टेरर नेक्सस के खिलाफ वैश्विक अभियान
फेंटेनिल जैसे खतरनाक सिंथेटिक ड्रग्स के बढ़ते प्रसार पर चिंता व्यक्त करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य बल्कि सामाजिक स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा के लिए भी चुनौती है।
उन्होंने ड्रग-टेरर नेक्सस के खिलाफ G20 के तहत एक विशेष पहल शुरू करने का प्रस्ताव दिया, जिसका उद्देश्य, ड्रग तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त करना, मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध धन प्रवाह को रोकना, और आतंकवाद की फंडिंग को कमजोर करना है।
उन्होंने कहा कि यह चुनौती वैश्विक है और इसका समाधान भी वैश्विक प्रयासों से ही संभव है। शिखर सम्मेलन का फोकस समावेशी और सतत विकास पर है। पीएम मोदी ने कहा कि G20 मंच पर अफ्रीका का यह क्षण दुनिया के लिए कोर्स करेक्शन का अवसर है। उनके प्रस्ताव, ज्ञान-साझेदारी से लेकर कौशल निर्माण और सुरक्षा सहयोग तक, आने वाले दशक की वैश्विक साझेदारी के खाके को प्रभावित करने की संभावना रखते हैं।
