श्रीलंका में चक्रवात ‘दितवाह’ का कहर: NDRF ने नौ माह की गर्भवती महिला को बचाया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: श्रीलंका में आए विनाशकारी चक्रवात दितवाह के बाद राहत और बचाव कार्य तेज हो गए हैं। भारतीय राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम ने पुत्तलम ज़िले में फंसी नौ माह की गर्भवती महिला को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। महिला को बचाने के तुरंत बाद मेडिकल जांच कराई गई।
भारत ने 28 नवंबर को ऑपरेशन सागर बंधु शुरू किया था, जिसके तहत श्रीलंका—जिसे भारत ने अपना “सबसे करीबी समुद्री पड़ोसी” बताया है—को त्वरित खोज एवं बचाव सहायता और मानवीय राहत (HADR) प्रदान की जा रही है। भारतीय उच्चायोग ने जानकारी साझा करते हुए कहा, “ऑपरेशन सागर बंधु उन लोगों के साथ खड़ा है जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।”
भारी तबाही, 350 से अधिक मौतें
चक्रवात दितवाह को श्रीलंका के हालिया इतिहास की सबसे भीषण आपदाओं में से एक बताया जा रहा है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, अब तक 350 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और करीब 400 लोग लापता हैं।
सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र
- कोलंबो और गंफाहा: 4.37 लाख से अधिक लोग प्रभावित, 212 राहत शिविर चालू।
- गंफाहा में अकेले 2.18 लाख लोग प्रभावित, 9 मौतें और 2 लोग लापता।
- बडुल्ला: NDRF ने पाँच फीट से अधिक मलबे में दबे एक व्यक्ति के शव को निकाला। यहाँ 71 मौतें दर्ज।
- नुवारा एलिया: 75 मौतें।
- कैंडी: अब तक सबसे अधिक 88 मौतों की पुष्टि, 150 लोग अब भी लापता।
- त्रिंकोमाली: 15,086 विस्थापित लोग शिविरों में।
- मन्नार: लगभग 80,000 लोग प्रभावित।
- अम्पारा में 8 और मोनरागला में 3 मौतें दर्ज।
- राहत शिविर और नुकसान की स्थिति
देशभर में 1,564 सुरक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें 2,18,526 लोग और 61,612 परिवार ठहरे हुए हैं। कई शहर पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं, सड़कें क्षतिग्रस्त हैं और संचार नेटवर्क बुरी तरह बाधित हैं।
सेना, आपदा प्रबंधन टीमें और हवाई बल बड़े पैमाने पर खाद्य सामग्री, स्वच्छ पानी और दवाइयाँ पहुँचा रहे हैं। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य लगातार जारी है।
