भारत-रूस संबंधों पर पीएम मोदी का बयान: ‘पोल स्टार’ जैसी अटूट दोस्ती
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में शुक्रवार को आयोजित 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया और दोनों देशों के संबंधों को “पोल स्टार” जैसी स्थायी और दृढ़ मित्रता बताया।
संयुक्त प्रेस वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा कि बीते आठ दशकों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन भारत और रूस की दोस्ती हमेशा स्थिर और मजबूत बनी रही। उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के नेतृत्व और भारत के प्रति उनकी “अटूट प्रतिबद्धता” के लिए विशेष आभार व्यक्त किया।
पीएम मोदी ने कहा, “25 साल पहले राष्ट्रपति पुतिन ने हमारी रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले हमारे संबंधों को विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाया गया। इन साढ़े दो दशकों में पुतिन ने अपने दूरदर्शी नेतृत्व से इस रिश्ते को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।”
आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई
दोनों नेताओं ने हाल में भारत के पहलगाम और रूस के क्रोकस सिटी हॉल में हुए आतंकी हमलों का उल्लेख करते हुए आतंकवाद के मुद्दे पर गहरी चिंता व्यक्त की। पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देश हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं।
उन्होंने कहा, “आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।”
पीएम मोदी ने घोषणा की कि भारत और रूस अब भारतीय नाविकों को ध्रुवीय क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए सहयोग करेंगे। इससे न केवल आर्कटिक क्षेत्र में साझेदारी मजबूत होगी, बल्कि भारत के युवाओं के लिए नए रोजगार अवसर भी बनेंगे।
यूक्रेन संघर्ष पर भारत का स्पष्ट रुख
प्रधानमंत्री ने यूक्रेन मुद्दे पर भारत की शांति-समर्थक नीति दोहराते हुए कहा कि भारत शुरुआत से ही संवाद और कूटनीतिक समाधान का पक्षधर रहा है और आगे भी हर संभव योगदान देने के लिए तैयार है।
पीएम मोदी ने ऊर्जा सुरक्षा को भारत-रूस साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया। उन्होंने कहा कि नागरिक परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में दोनों देशों का दशकों पुराना सहयोग स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
उन्होंने कहा, “क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में हमारा सहयोग वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा और विविधता सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है।”
शिखर बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और व्यापार समेत कई क्षेत्रों में साझेदारी को और मजबूत करने पर विस्तृत चर्चा की। भारत और रूस के बीच दशकों पुराने भरोसे और घनिष्ठ संबंधों ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि यह साझेदारी समय की कसौटी पर हमेशा खरी उतरी है।
