संसद के शीतकालीन सत्र के समापन पर बदला सियासी माहौल, स्पीकर की चाय पार्टी में दिखी गर्मजोशी

political atmosphere changed at the conclusion of Parliament's winter session, and warmth was evident at the Speaker's tea party.चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र भले ही तीखी बहसों, हंगामे और विरोध-प्रदर्शनों से भरा रहा हो, लेकिन सत्र के अंत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय पार्टी ने राजनीतिक तल्खी को कुछ देर के लिए नरमी में बदल दिया। खास बात यह रही कि इस बार विपक्षी दलों के सांसदों ने भी चाय पार्टी में शिरकत की, जबकि पिछले सत्रों में इसका बहिष्कार किया गया था।

करीब तीन सप्ताह तक चले सत्र के बाद आयोजित इस चाय पार्टी में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी का प्रतिनिधित्व किया। लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय द्वारा साझा की गई तस्वीरों में प्रियंका गांधी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पास बैठी नजर आईं। उनके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी मौजूद थे।

करीब 20 मिनट तक चली इस बैठक में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सांसदों के बीच कई हल्के-फुल्के और सौहार्दपूर्ण पल देखने को मिले। सूत्रों के अनुसार, प्रियंका गांधी ने बातचीत के दौरान बताया कि वह अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड की एक जड़ी-बूटी का सेवन करती हैं, जिससे उन्हें एलर्जी से बचाव होता है। इस पर प्रधानमंत्री मोदी और राजनाथ सिंह मुस्कुराते नजर आए।

प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री से उनकी हालिया इथियोपिया, जॉर्डन और ओमान यात्रा के बारे में भी जानकारी ली, जिस पर पीएम मोदी ने कहा कि यात्रा अच्छी रही।

चाय पार्टी में समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव, एनसीपी (शरद पवार गुट) की सुप्रिया सुले और सीपीआई के नेता डी राजा भी शामिल हुए।

बैठक के दौरान धर्मेंद्र यादव ने सुझाव दिया कि संसद सत्र को कुछ और दिनों तक चलाया जा सकता था। इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि सत्र इसलिए छोटा रखा गया ताकि उनका गला न दुखे, यह टिप्पणी यादव की तेज आवाज में दी जाने वाली दलीलों की ओर इशारा थी, जिस पर सभी सांसद हंस पड़े।

प्रधानमंत्री ने विपक्ष के कुछ सांसदों, जिनमें एनके प्रेमचंद्रन भी शामिल हैं, की सदन में अच्छी तैयारी के लिए सराहना की। वहीं कुछ विपक्षी नेताओं ने नए संसद भवन में सांसदों के लिए पुराने सेंट्रल हॉल की तर्ज पर एक केंद्रीय सभागार बनाए जाने की मांग रखी। इस पर पीएम मोदी ने चुटकी लेते हुए कहा, “वह तो रिटायरमेंट के बाद के लिए है, अभी आपको देश की काफी सेवा करनी है,” जिससे माहौल और भी हल्का हो गया।

विपक्ष ने क्यों लिया हिस्सा?

प्रियंका गांधी का चाय पार्टी में शामिल होना इसलिए भी चर्चा में रहा क्योंकि इससे पहले मानसून सत्र के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने स्पीकर की चाय पार्टी का बहिष्कार किया था। उस समय विपक्ष ने लोकसभा अध्यक्ष पर सदन में उन्हें बोलने का पर्याप्त अवसर न देने का आरोप लगाया था, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी ने भी आलोचना की थी।

इस बार, सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने निर्णय लिया कि सभी विपक्षी सांसदों को चाय पार्टी में शामिल होना चाहिए, क्योंकि शीतकालीन सत्र के दौरान पीठासीन अधिकारियों ने विपक्ष के साथ निष्पक्ष रवैया अपनाया।

इस तरह संसद सत्र के तनावपूर्ण माहौल के बाद यह चाय पार्टी राजनीतिक संवाद और सौहार्द का एक दुर्लभ लेकिन सकारात्मक पल बनकर सामने आई।

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