भारत-चीन के बीच अब देपसांग-गोगरा-हॉट स्प्रिंग से सैनिकों की वापसी पर होगी आज बातचीत

India and China did not sign the 'Global Renewable and Energy Efficiency Pledge'चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: भारत चीन के बीच लगातार 9 दौर की बातचीत के बाद हुए समझौते के आधार पर पैंगोंग झील क्षेत्र से चीनी सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब दोनों देशों के वरिष्ठ सैनिक अधिकारी स्तर पर आज पहली वार्ता होगी जिसमें तनाव कम करने के लिए दूसरे इलाकों से भी सैनिकों की जल्द वापसी पर विचार किया जाएगा।

सैनिक सूत्रों के अनुसार इस अहम बैठक में पूर्वी लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स, गोगरा और देपसांग क्षेत्रों से भी सैनिकों को हटाने के मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है। ये बैठक एलएसी पर चीन की तरफ मोल्दो सीमा बिंदु पर होगी जिसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन करेंगे, जो लेह स्थित 14वीं कोर के कमांडर हैं। वहीं, चीनी पक्ष का नेतृत्व मेजर जनरल लिउ लिन करेंगे जो चीनी सेना के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले के कमांडर हैं।

पैंगोंग झील के उत्तरी-दक्षिणी किनारों से सैनिकों की वापसी, अस्त्र-शस्त्रों और अन्य सैन्य साजो-सामान और बंकरों, तंबुओं और अस्थायी निर्माणों को हटाने का काम गुरुवार को पूरा हो गया। इस बीच, चीन ने पहली बार आधिकारिक तौर पर यह कहा कि पिछले साल जून में गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई झड़प में उसके चार सैनिक मारे गए थे। गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे। जबकि अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट में कहा गया था कि इस झड़प में चीन के 35 सैनिक हताहत हुए थे।

बता दें कि भारत और चीन के बीच पिछले नौ महीनों से सैन्य गतिरोध जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 11 फरवरी को संसद में एक बयान में कहा था कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील क्षेत्र से सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से हटाने का समझौता हो गया है। समझौते के अनुरूप चीन अपनी सेना की टुकड़ियों को हटाकर पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे में फिंगर आठ क्षेत्र की पूर्व दिशा की ओर ले जाएगा। भारत अपनी सैन्य टुकड़ियों को फिंगर तीन के पास अपने स्थायी शिविर धन सिंह थापा पोस्ट पर रखेगा। इसी तरह का कदम पैंगोंग झील के दक्षिणी तट क्षेत्र में उठाया जाएगा।

 

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