आम आदमी पार्टी ने रास्ट्रीय स्तर पर शिक्षक संगठन एएडीटीए का किया गठन
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी ने रास्ट्रीय स्तर पर शिक्षक संगठन एएडीटीए का गठन किया है। “आप” के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट दिल्ली टीचर एसोसिएशन को मिला कर एएडीटीए नाम से शिक्षक संगठन का गठन किया गया।
एकेडमिक फॉर एक्शन एंड डेवलपमेंट दिल्ली टीचर एसोसिएशन की 8 सदस्यीय टीम के प्रभारी प्रो. आदित्य नारायण मिश्रा होंगे। डीटीए और एएडी दिल्ली यूनिट को मिलाकर दिल्ली में कोर कमेटी गठित की गई है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय टीचर्स के चुनाव में भाग लेगी। आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि उच्च शिक्षा संकट की स्थिति से गुजर रही है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी के नाम पर केंद्र सरकार की पॉलिसी निजीकरण का दस्तावेज है। आम आदमी पार्टी के दिल्ली संयोजक गोपाल राय ने आज पार्टी मुख्यालय में महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन किए हैं। उससे प्रभावित होकर तीन महीने पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली युनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन के तीन बार अध्यक्ष रहे आदित्य नारायण मिश्रा और उनका संगठन एएडी दिल्ली विश्वविद्यालय की शिक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू रहा है। ना सिर्फ आदित्य नारायण मिश्रा तीन बार डोटा के अध्यक्ष रहे हैं बल्कि इस संगठन के बहुत सारे शिक्षक अलग-अलग पदों पर दिल्ली विश्वविद्यालय के अंदर जीतते रहे। साथ ही साथ आदित्य नारायण मिश्रा को दो बार 2007 से 2011 तक फेडरेशन पार्थ सेंटर यूनिवर्सिटी टीचर एसोसिएशन है राष्ट्रीय स्तर पर दो बार उन्हें देश के टीचरों का नेतृत्व करने का अवसर मिला। पिछले दिनों उन्होंने पूरी टीम के साथ आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय के अंदर पहले से आम आदमी पार्टी का शिक्षक संगठन दिल्ली टीचर एसोसिएशन (डीटीए) के रूप में काम कर रहा था। सभी शिक्षकों- टीमों से बातचीत करने के बाद आज पार्टी ने दो निर्णय लिए हैं की शिक्षक और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली के अंदर भी और देश के अंदर भी जो तमाम लोग राष्ट्रीय राजनीति की परिस्थितियां है उसको देखते हुए आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ करके इस बदलाव की राजनीति के लिए शिक्षक हित के लिए शिक्षा के परिवर्तन के लिए जो काम करना चाहते हैं, उसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर हमने शिक्षक संगठन बनाने का निर्णय लिया है। टीचर एसोसिएशन हम बना रहे हैं एएडी और डीटीए को मिला करके राष्ट्रीय स्तर पर संगठन हमारा होगा। उसका नाम एएडीटीए होगा और यह संगठन पूरे देश के अंदर काम करेगा। अभी संयुक्त रुप से यह संगठन पूरे देश भर में काम करेगा।
पूरे देश में इस संगठन के निर्माण के लिए 8 सदस्यीय की टीम का गठन किया गया है। इस 8 सदस्यीय टीम में डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा, प्रो. नरेंद्र कुमार पांडे, प्रो. डॉक्टर संगीता राय, प्रो. प्रेमचंद, प्रो राजेश झा, प्रो. तबरेज आलम खान, प्रो. टीएन ओझा और प्रो. मनोज सिंह सहित 8 सदस्यीय टीम होगी। इनमें प्रो राजेश झा मीडिया का कार्य भी संभालेंगे। जिसमें राष्ट्रीय प्रभारी की जिम्मेदारी प्रो. आदित्य नारायण मिश्रा को पार्टी की तरफ से दी जा रही है। पहले भी देशभर में काम किए हैं और इनके अनुभव के आधार पर देश के अलग-अलग यूनिवर्सिटीज में संगठन के निर्माण के काम के लिए यह नेशनल टीम बनाई गई है। इसके साथ साथ दिल्ली के अंदर भी संगठन की गतिविधियां अब इसी बैनर के तले की जाएंगी।
अभी डीटीए की टीम और एएडी दिल्ली की जो यूनिट्स है उनसे मिला करके दिल्ली में इसके लिए दिल्ली टीचर्स की एक कोर कमेटी गठित की जा रही है। यह कोर कमेटी आगामी दिनों में दिल्ली विश्वविद्यालय के टीचर्स के चुनाव होंगे, उसमें भी वह भाग लेगी। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कैसे परिवर्तन हो सकते हैं और नई शिक्षा नीति आने के बाद नए तरह के कई तरह के प्रश्न पैदा हुए हैं, इन सारे सवालों को लेकर के ये दिल्ली टीचर्स की कोर कमेटी काम करेगी। आगामी दो-तीन महीने प्रदेश भर में दौरे का काम यह टीम करेगी। उसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक सम्मेलन पार्टी की तरफ से आयोजित किया जाएगा। जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर टीमों, अधिकारियों के गठन की कार्रवाई को हम आगे बढ़ाएंगे।
आदित्य नारायण मिश्रा ने कहा कि उच्च शिक्षा संकट की स्थिति से गुजर रही है। न्यू एजुकेशन पॉलिसी के नाम पर केंद्र सरकार द्वारा जो पॉलिसी अनफोल्ड की गई है, वो प्राइवेटाइज़ेशन का एक दस्तावेज है। सरकार का फंडिंग घटता गया है। कुछ साल पहले जो 4.7 परसेंट था.l। आज घटकर के 2.50 पर आ गया है और उसमें भी हेफ़ा का लोन सम्मिलित है। लोन अनुदान नहीं होता है। रिसर्च की बात करें तो जहां 2015-16 में यूजीसी रिसर्च प्रोजेक्ट के लिए 107 करोड़ के लिए मिलता था, अब घटकर मात्र 3 करोड़ में सिमट गया है। यह मेक इन इंडिया, मेड इन इंडिया की बात करते हैं। राष्ट्र भर में जितने रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन है , उनमें काम करने वाले लोगों की स्कॉलरशिप में 60 फ़ीसद की कटौती हुई है। आज लाइब्रेरीज में किताब नहीं है, और लेबोट्रिज में कैमिकल नहीं है। लेबोट्रिज ड्राई पड़ी है। कोई नया इक्विपमेंट नहीं ख़रीदा जा रहा है। इन तमाम चीज़ों के लिए स्टूडेंट्स का डेवलपमेंट फंड इस्तेमाल किया जाता है। जिस स्टूडेंट के कंट्रीब्यूशन को हम छूते भी नहीं थे। इसके साथ साथ एक और आपदा की स्थिति पैदा हुई है। देशभर में लोग कंट्रक्चुअल टेम्पोररी के नाम पर काम कर रहे है। आम आदमी पार्टी का संकल्प आज पंजाब में देखने को मिला है। आज पंजाब में जीतने भी अध्यापक पढ़ा रहे थे, 7 हज़ार से ज़्यादा टीचर्स और यूनिवर्सिटीज़ में जीतने भी कंट्रक्चुअल कर्मचारी थे, उन सभी को एक ही बार में परमानेंट कर लेटर दिया। यह बहुत ज्यादा सम्मानजनक बात है। जो शिक्षक क्लासरूम में डरता रहेगा कि मेरा कल क्या होगा? वो शिक्षा क्या देगा? मैं तह दिल से पंजाब सरकार को बधाई देता हूँ और आभार करता हूँ। यह वही मॉडल है जो हम देशभर में लाना चाहते है।
उन्होंने कहा कि आज दिल्ली विश्वविद्यालय में अपॉइंटमेंट्स चल रहे हैं। 15-18 साल काम करने के बाद तमाम योग्यताओं के बावजूद लोगों को निकाला जा रहा है।