दिग्गजों के हारने के बीच आम आदमी पार्टी को राहत, कालकाजी सीट से आतिशी की जीत

AAP gets relief amidst defeat of bigwigs, Atishi wins from Kalkaji seat
(Pic: Twitter)

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने शनिवार को अपनी कालकाजी विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रतिद्वंदी रमेश बिधुरी को 900 से अधिक मतों से हराया। चुनाव आयोग के अनुसार, यह मुकाबला काफी कड़ा था। इस जीत ने आम आदमी पार्टी (AAP) के लिए एक सुकून की राहत दी, जहां पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल और अन्य प्रमुख नेता भाजपा से अपने-अपने क्षेत्रों में हार गए थे।

जहां केजरीवाल ने नई दिल्ली सीट पर भाजपा के पार्वेश वर्मा से हार का सामना किया, वहीं मनीष सिसोदिया को जंगपुरा सीट पर भाजपा के तरविंदर सिंह मारवाह से हार मिली। दिल्ली मंत्री सौरभ भारद्वाज को ग्रेटर कैलाश से, दुर्गेश पाठक को राजिंदर नगर से, सोमनाथ भारती को मालवीय नगर से और सत्येंद्र जैन को शाकुर बस्ती से हार का सामना करना पड़ा।

कालकाजी में त्रिकोणीय मुकाबला था, जिसमें कांग्रेस की अलका लांबा तीसरी उम्मीदवार थीं। इस सीट पर AAP और भाजपा की ओर से जोरदार प्रचार हुआ।

आतिशी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि AAP की हार पार्टी के लिए एक झटका था। “मैं कालकाजी की जनता का धन्यवाद करती हूं जिन्होंने मुझ पर विश्वास दिखाया। मैं अपनी टीम को भी बधाई देती हूं जिन्होंने ‘बाहुबली’ के खिलाफ काम किया। हम जनता के फैसले को स्वीकार करते हैं। मैंने जीत हासिल की है, लेकिन यह उत्सव का समय नहीं है, बल्कि भाजपा की तानाशाही और गुंडागर्दी के खिलाफ ‘युद्ध’ जारी रखने का समय है,” उन्होंने कहा।

चुनाव प्रचार के दौरान आतिशी और बिधुरी के बीच तीखी जुबानी जंग देखने को मिली थी। बिधुरी ने आतिशी के उपनाम “मार्लिना” को लेकर विवाद उठाया था, जिसके बाद आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक होकर भाजपा नेता पर उनके पिता का अपमान करने का आरोप लगाया था।

43 वर्षीय आतिशी, जिन्होंने पहले शिक्षा सलाहकार के रूप में कार्य किया था, मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर दिल्ली में शिक्षा सुधारों को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाई। वहीं, बिधुरी दक्षिण दिल्ली की ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ के लिए जाने जाते हैं और भाजपा में उनके संगठनात्मक कौशल की सराहना की जाती है।

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