बाबरी मामले में बरी होने के बाद आडवाणी ने कहा, जय श्री राम

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: 28 साल बाद बाबरी विवादित ढांचा विध्वंस मामले में कोर्ट ने भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत 32 आरोपियों को बरी कर दिया। फैसले आने के बाद श्री राम जन्मभूमि आन्दोलन के पक्ष में देश भर में रथ यात्रा करने वाले लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, जय श्री राम, हम सब के लिए बहुत खुशी का प्रसंग है। ‘आज का जो निर्णय हुआ है वो अत्यंत महत्वपूर्ण है, हम सब के लिए बहुत खुशी का प्रसंग है। जब यह समाचार सुना, जय श्री राम कह कर हमने इसका स्वागत किया।”

नई दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए आडवाणी ने कहा कि आज बहुत ख़ुशी का प्रसंग है। हालांकि वह मीडिया से बात करना चाहते थे, लेकिन उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी ने कोरोना के कारण ज्यादा बात करने से मन कर दिया। आडवाणी की स्वास्थ्य को देखते हुए भी उन्हें ज्यादा लोगों के बीच देर तक रहना मुनासिव नहीं था।

बता दें कि अयोध्या में छह दिसम्बर 1992 बाबरी मस्जिद विवादित ढांचा विध्वंस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने 28 साल बाद अपना फैसला सुना दिया है। अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अदालत ने ये भी कहा कि मस्जिद का विध्वंस सुनियोजित नहीं था। अदालत ने कहा कि किसी भी आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिले।

इस मामले में आडवाणी, जोशी, उमा भारती, नृत्य गोपाल दास, कल्याण सिंह और सतीश प्रधान को छोड़कर सभी 26 अभियुक्त फैसले के वक्त अदालत में मौजूद थे। जज ने कहा कि आरोपियों के ऑडियो में आवाज साफ नहीं थी।

बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने भी फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि फैसले से ये सिद्ध हो जाता है कि ६ दिसम्बर को कोई साजिश नहीं की गयी थी। उन्होंने कहा, ”आज लखनऊ की सीबीआई कोर्ट ने एक आऐतिहासिक निर्णय दिया है। वो निर्णय इस बात को सिद्ध करता है कि 6 दिसंबर को अयोध्या में हुई घटनाओं में कोई षड़यंत्र नहीं था, वो आकस्मिक था। हमारा स्वयं का आंदोलन का राम मंदिर निर्माण के लिए किया जा रहा था, बीजेपी के उस वक्त के अध्यक्ष के रूप में मैं सहयोग कर रहा था। इस का उद्देश्य जनजागरण करना और राम मंदिर के लिए देश भर में आंदोलन तैयार करना था और तथ्यों को लोगों के सामने रखना था।”

जोशी ने कहा कि, ”इसके बाद विवाद समाप्त होना चाहिए और सारे देश को मिलकर भव्य राम मंदिर के निर्माण के ​लिए तत्पर होना चाहिए।”