ईशा तलवार के बाद अब अभिनव शुक्ला ने साझा किए शानू शर्मा के साथ ऑडिशन के कड़वे अनुभव

After Isha Talwar, now Abhinav Shukla shares his bitter experiences of auditioning with Shanu Sharmaचिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: टेलीविजन अभिनेता अभिनव शुक्ला ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक निजी अनुभव साझा करते हुए बताया कि यशराज फिल्म्स की कास्टिंग डायरेक्टर शानू शर्मा ने उन्हें एक बार यह कहकर ठुकरा दिया था कि वह दिखने में तो अच्छे हैं, लेकिन उनमें कोई “चमक” नहीं है। अभिनेता ने बताया कि यह घटना 2014 में उनकी फिल्म ‘रोर’ की रिलीज़ से ठीक पहले की है और इस टिप्पणी का उन पर गहरा असर पड़ा था।

शुक्ला का यह खुलासा अभिनेत्री ईशा तलवार द्वारा साझा किए गए एक ऑडिशन अनुभव के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने भी शानू शर्मा के साथ अपने एक असहज अनुभव को याद किया था। शुक्ला ने अपनी इंस्टा स्टोरी में लिखा कि ‘रोर’ के समय उनके कुछ करीबी उन्हें यशराज फिल्म्स में मिलने की सलाह दे रहे थे और जब वे शानू शर्मा से मिले तो उन्हें सिर्फ इतना कहा गया कि वे अच्छे दिखते हैं, लेकिन उनमें वो खास बात नहीं है।

उन्होंने आगे बताया कि कुछ साल बाद जब वह संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘इंशाअल्लाह’ के ऑडिशन के लिए पहुंचे, तो उन्हें बिल्कुल अलग अनुभव मिला। भंसाली ने न सिर्फ उनकी तारीफ की बल्कि यह भी पूछा कि उन्होंने अब तक ज्यादा काम क्यों नहीं किया। भले ही यह फिल्म बाद में बंद हो गई, लेकिन शुक्ला ने इस मुलाकात को एक प्रेरणादायक मोड़ माना और कहा कि कभी-कभी अस्वीकृति हमें उन लोगों तक पहुंचाती है जो हमारी प्रतिभा को समझते हैं।

वहीं, ईशा तलवार ने भी शानू शर्मा को लेकर अपने अनुभव साझा किए, जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें एक बार वर्सोवा के एक भीड़भाड़ वाले रेस्टोरेंट में बैठकर रोने का सीन करने के लिए कहा गया था। तलवार ने कहा कि रेस्टोरेंट के टेबल पर आसपास लोग खाना खा रहे थे और उन्हें शानू और उनकी टीम के सामने अभिनय करने को कहा गया। उन्होंने बताया कि यह अनुभव उनके आत्मविश्वास के लिए काफी चुनौतीपूर्ण था और उन्होंने उस ऑडिशन को करने से इनकार कर दिया था।

शानू शर्मा को यशराज फिल्म्स के लिए रणवीर सिंह और परिणीति चोपड़ा जैसे कलाकारों को लॉन्च करने का श्रेय जाता है और हाल ही में उन्हें मोहित सूरी की फिल्म ‘सैय्यारा’ के मुख्य अभिनेताओं – अहान पांडे और अनीत पड्डा – के चयन का भी श्रेय मिला है। हालांकि, अभिनव और ईशा के अनुभवों ने कास्टिंग की प्रक्रिया और उससे जुड़े दवाबों पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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