लीड्स टेस्ट में हार के बाद गौतम गंभीर बोले, “हर टेस्ट के बाद गेंदबाज़ों को जज करना सही नहीं”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर ने लीड्स टेस्ट में इंग्लैंड से मिली करारी हार के बाद भारतीय युवा तेज़ गेंदबाज़ों का बचाव किया है। इंग्लैंड ने भारत द्वारा दिए गए 371 रनों के लक्ष्य को अंतिम दिन आसानी से हासिल करते हुए पांच विकेट से जीत दर्ज की। मैच में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज को छोड़कर बाकी भारतीय गेंदबाज़ों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
पोस्ट मैच प्रेस कॉन्फ्रेंस में गंभीर ने कहा, “यह पेस अटैक अनुभवहीन है। प्रसिध कृष्णा ने सिर्फ चार टेस्ट खेले हैं, हर्षित राणा ने दो और अर्शदीप सिंह ने तो अब तक एक भी टेस्ट नहीं खेला है।”
उन्होंने आगे कहा, “वनडे में अनुभव की कमी उतनी फर्क नहीं डालती, लेकिन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में टेस्ट क्रिकेट खेलना आसान नहीं होता। यह बिल्कुल ऐसा है जैसे किसी को समुद्र में फेंक देना। अगर हम हर टेस्ट के बाद इन गेंदबाज़ों का मूल्यांकन करने लगें तो उन्हें विकसित कैसे करेंगे?”
गंभीर का यह बयान प्रसिध कृष्णा के खराब प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में आया है, जिन्होंने मैच में 6 की इकोनॉमी से रन लुटाए। हालांकि कोच का मानना है कि इन गेंदबाज़ों में गजब की प्रतिभा है और अगर उन्हें लगातार समर्थन दिया जाए तो वे भविष्य में भारत के लिए एक मजबूत पेस बैटरी तैयार कर सकते हैं।
गंभीर ने कहा, “अगर बुमराह और सिराज को छोड़ दें तो बाकी गेंदबाज़ों के पास ज्यादा अनुभव नहीं है, लेकिन ये सभी प्रतिभाशाली हैं और इसीलिए भारतीय ड्रेसिंग रूम का हिस्सा हैं। हमें इस दौरे से ज़्यादा, दीर्घकालिक सोच रखनी होगी। हमारा मकसद एक ऐसी पेस बैटरी तैयार करना है जो भारत को लंबे समय तक सेवा दे सके।”
इस टेस्ट में शार्दुल ठाकुर की सीमित भूमिका पर भी सवाल उठे, क्योंकि उन्होंने पूरे मैच में केवल 16 ओवर फेंके। इस पर गंभीर ने कप्तान के फैसले को सही ठहराया।
उन्होंने कहा, “कई बार कप्तान अपने अनुभव और मैदान पर परिस्थिति के अनुसार फैसले लेते हैं। रविंद्र जडेजा ने एक छोर से रन रोके, जिससे हमारे पास तीन तेज गेंदबाज़ों को घुमाने का मौका मिला। शार्दुल की गुणवत्ता पर कोई शक नहीं है, इसलिए वे भारतीय टीम का हिस्सा हैं। लेकिन सिर्फ इसलिए कि वो चौथे तेज गेंदबाज़ हैं, उन्हें ज़रूरी नहीं कि स्पिनर से पहले गेंदबाज़ी दी जाए।”
गंभीर ने अंत में कहा कि टीम में मौजूद युवा गेंदबाज़ों को मौका देना और उनका समर्थन करना ही भविष्य के लिए भारत की गेंदबाज़ी को मजबूत बनाएगा।