गृह मंत्री के साथ बैठक के बाद पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, सरकार और किसान के बीच जल्द ही कोई हल निकलेगा

शिवानी रज़वारिया

कृषि कानून के खिलाफ चल रहा विरोध किसानों और सरकार के बीच दरार को गहरा करता जा रहा है। कई हफ्तों से चल रहा यह धरना दिल्ली के बॉर्डर पर आकर थम गया है और अभी तक ना ही सरकार की तरफ से और ना ही किसानों की तरफ से किसी भी तरह का हल नजर नहीं आ रहा है। दोनों अपने-अपने पक्ष को लेकर खड़े हैं।

फिलहाल इस विरोध के चलते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गृह मंत्री अमित शाह से एक मुलाकात की है। इस मुलाकात में हुई बातचीत के बाद मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहां कि सरकार और किसानों के बीच जल्द से जल्द कोई हल निकलना चाहिए।

एक घंटे चली इस बातचीत में अमरिंदर सिंह का कहना है कि हम इस विवाद का जल्द से जल्द हल चाहते हैं। पंजाब में किसानों के प्रदर्शन के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ रहा है साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी असर पड़ता दिख रहा है। हम ने गृहमंत्री को अपनी बात बता दी है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि उन्होंने सरकार और किसानों दोनों से ही बीच का रास्ता निकालने की अपील की है। अकाली दल के आरोपों पर पंजाब सीएम ने बोलने से इनकार किया। कृषि कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन की अगुवाई पंजाब कर रहा है। पंजाब के करीब पचास किसान संगठन दिल्ली, हरियाणा की सीमाओं पर डटे हुए हैं, अब उनको धीरे-धीरे यूपी, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात के किसानों का समर्थन भी मिलने लगा है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अरविंदर सिंह ने पंजाब के 2 किसानों की मृत्यु के बाद उनके परिवार को 5-5 लाख रुपए देने का ऐलान किया है। गुरजंत सिंह, गुरबचन सिंह नाम के किसानों की मौत जारी किसान आंदोलन में हुई थी।

कैप्टन अमरिंदर ने लगातार केंद्र सरकार से मांग की है कि वो किसानों से बात करे और आंदोलन को खत्म करवाए। बता दें कि पंजाब ही देश में ऐसा राज्य था, जिसने सबसे पहले केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी विधानसभा में बिल पारित किया था।

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