नेपाल में हिंसा के बीच सेना ने संभाली कमान, कर्फ्यू लागू, जनरल अशोक राज सिग्देल ने की शांति की अपील
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: काठमांडू से आ रही मौत, तबाही और आगजनी की भयावह तस्वीरों के बीच नेपाल की राजधानी और अन्य हिस्सों में हिंसा के बाद सेना ने देश की कमान संभाल ली है। केपी शर्मा ओली सरकार के पतन के बाद देशभर में उभरे जनाक्रोश के चलते हालात बेहद तनावपूर्ण बने हुए हैं।
सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शनों और हिंसा के बाद नेपाली सेना ने देशभर में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी ली है। सेना प्रमुख जनरल अशोक राज सिग्देल ने टेलीविज़न पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रदर्शनकारियों से शांति और संवाद की अपील की है।
58 वर्षीय जनरल सिग्देल ने कहा, “हम प्रदर्शनकारी समूहों से अपील करते हैं कि वे प्रदर्शन कार्यक्रमों को रोकें और राष्ट्रहित में संवाद के लिए आगे आएं। हमें इस कठिन परिस्थिति को सामान्य करना है, हमारी ऐतिहासिक और राष्ट्रीय धरोहरों की रक्षा करनी है और आम जनता, निजी-सार्वजनिक संपत्ति व विदेशी मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है।”
उन्होंने 8 सितंबर से शुरू हुई हिंसा में जान-माल की क्षति पर गहरा शोक प्रकट किया। सेना के बयान में कहा गया है कि “कुछ तत्व वर्तमान संकट का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और आम नागरिकों व सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।”
क्यों भड़के प्रदर्शन?
सोशल मीडिया बैन के खिलाफ शुरू हुआ प्रदर्शन अब भ्रष्टाचार और शासन की पारदर्शिता की कमी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन में बदल गया है। खुद को ‘जेन Z’ कहने वाले प्रदर्शनकारी नेताओं की आलीशान जीवनशैली और आम लोगों की दयनीय स्थिति के बीच की खाई को लेकर आक्रोशित हैं।
पुलिस कार्रवाई में अब तक 19 प्रदर्शनकारियों की मौत हो चुकी है, जिससे जनता में जबरदस्त गुस्सा फैल गया है। कई सरकारी इमारतों और नेताओं के घरों को निशाना बनाया गया है।
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली, जिन्होंने पहले इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था, आखिरकार भारी दबाव के बीच कल पद से हट गए। राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी सभी पक्षों से संयम बरतने और वार्ता के जरिए समाधान खोजने की अपील की है।
सेना की सख्ती, कर्फ्यू लागू
नेपाली सेना ने काठमांडू एयरपोर्ट, सरकार के मुख्य सचिवालय सिंहदरबार और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की सुरक्षा अपने हाथ में ले ली है। देश की सीमाएं सील कर दी गई हैं।
कर्फ्यू लागू कर दिया गया है और सिर्फ आवश्यक सेवाओं जैसे एम्बुलेंस और शव वाहन को छूट दी गई है। सेना ने साफ कर दिया है कि “प्रदर्शन के नाम पर कोई भी तोड़फोड़, लूट, आगजनी या हमले करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
मीडिया और नागरिकों से अपील की गई है कि वे केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें और अफवाहों से बचें।