अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ असम सरकार का अभियान तेज़, अब तक 330 से अधिक को वापस भेजा गया: सीएम हिमंत बिस्वा सरमा

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को असम विधानसभा के एक दिवसीय विशेष सत्र में कहा कि राज्य सरकार ने पिछले कुछ महीनों में 330 से अधिक अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को वापस भेजा है और आने वाले दिनों में इस प्रक्रिया को और तेज़ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कार्रवाई “अवैध प्रवासियों को असम से निष्कासित करने संबंधी 1950 के अधिनियम” के विशेष प्रावधान के तहत की जा रही है, जो ज़िला कलेक्टरों (DCs) को अवैध घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें राज्य से बाहर निकालने की शक्ति देता है।
“अवैध घुसपैठियों के खिलाफ हमारी मुहिम तेज़ होगी”
सीएम सरमा ने कहा, “अवैध घुसपैठ के खिलाफ हमारी सख्त लड़ाई को इस अधिनियम की विशेष धाराओं से बल मिलता है। पिछले कुछ महीनों में हमने 330 से अधिक घुसपैठियों को पीछे धकेला है, और यह अभियान आगामी दिनों में और तेज़ होगा।”
सोशल मीडिया पर ‘फिलिस्तीन-असम’ नैरेटिव चलाने वालों पर भी नजर
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता गौरव गोगोई पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि सरकार ने ऐसे 2,600 सोशल मीडिया अकाउंट्स की पहचान की है, जो “फिलिस्तीन और असम” से जुड़े मुद्दों पर लगातार पोस्ट करते हैं। उन्होंने दावा किया कि ये अकाउंट्स इस्लामाबाद, रियाद और सऊदी अरब से संचालित हो रहे हैं और राज्य के एक विशेष नेता का स्वागत करते हैं, जबकि राहुल गांधी तक का ज़िक्र नहीं करते।
“हमने 2,600 फेसबुक अकाउंट्स की पहचान की है जो केवल फिलिस्तीन और असम के बारे में लिखते हैं। इन अकाउंट्स का संचालन पाकिस्तान और खाड़ी देशों से हो रहा है। मेरे पास दस्तावेज़ हैं, और मैं 10-12 दिनों में कुछ अकाउंट्स की जानकारी प्रेस को दूंगा,” उन्होंने कहा।
सीएम सरमा ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी पहचान सबसे पहले एक असमी नागरिक की है, मुख्यमंत्री की नहीं। “मैं पहले असमी हूं, फिर मुख्यमंत्री। असम के हितों की रक्षा के लिए मेरे सभी निर्णय इसी भावना को दर्शाते हैं। पूर्व मुख्यमंत्रियों से प्रेरणा लेने में हमें कोई हिचक नहीं।”
1950 का अधिनियम क्या कहता है?
अवैध प्रवासियों को निष्कासित करने संबंधी असम अधिनियम, 1950, राज्य सरकार को यह अधिकार देता है कि वह ऐसे प्रवासियों को राज्य से निष्कासित कर सके, जिनकी उपस्थिति जनहित के लिए हानिकारक मानी जाए। इस अधिनियम के तहत ज़िला अधिकारियों को घुसपैठियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति प्राप्त है।
मुख्यमंत्री के इन बयानों से यह स्पष्ट संकेत मिला है कि असम सरकार आने वाले समय में अवैध प्रवासियों के खिलाफ और भी कठोर रुख अपनाने जा रही है, साथ ही राज्य में विदेशी प्रभावों को सोशल मीडिया के जरिए फैलने से रोकने के लिए भी ठोस कदम उठाएगी।