भूमि पेडनेकर ने बच्चों के संघर्षों को याद कर मनाया बाल दिवस, ‘भक्षक’ की यात्रा को बताया सबसे कठिन अनुभव

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: बाल दिवस के मौके पर अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने उन बच्चों की कहानियों को याद किया, जिन्होंने उनकी ज़िंदगी और करियर पर गहरा प्रभाव छोड़ा है। भूमि ने सोशल मीडिया पर बच्चों संग अपनी कई तस्वीरें साझा करते हुए बताया कि फिल्म ‘भक्षक’ की शूटिंग ने उन्हें बच्चों की भयावह हकीकतों से रूबरू कराया।
इंस्टाग्राम पर अपने अनुभव साझा करते हुए भूमि ने लिखा, “इस बाल दिवस पर मेरा दिल उन सभी बच्चों के लिए भरा हुआ है, जिनकी कहानियों ने मुझे बदला, मुझे संवेदनशील बनाया और दुनिया को देखने का मेरा नजरिया बदल दिया। ‘भक्षक’ मेरे करियर की सबसे कठिन यात्राओं में से एक रही। इसने मुझे समझाया कि कितने बच्चे डर, चुप्पी और अदृश्यता से घिरे हुए जीते हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “एक कलाकार के तौर पर भी उस सच्चाई को जी पाना बेहद झकझोरने वाला था। और फिर मैंने अभ्युदय आश्रम के बच्चों से मुलाकात की—जहाँ बच्चों की दृढ़ता, खुशी, सपने और उनकी आंतरिक शक्ति मुझे हमेशा विनम्र बनाती है। वे याद दिलाते हैं कि करुणा, सुरक्षा और गरिमा किसी भी बच्चे को कितनी दूर ले जा सकती है।”
भूमि ने अपने संदेश में यह भी कहा कि उनका “बच्चों” का अर्थ केवल इंसानों तक सीमित नहीं है। उन्होंने भारतीय स्ट्रीट डॉग्स का जिक्र करते हुए लिखा, “जब भी मैं भारत के स्ट्रीट डॉग्स को देखती हूं—निरपराध, भरोसेमंद, असहाय—तो मैं उन्हें भी इसी धरती के बच्चे मानती हूं। वे भी हमारी दया पर निर्भर हैं, सुरक्षा और देखभाल के हकदार हैं। दुनिया को जरूरत है संवेदना और सभी के लिए जगह बनाने की।”
उन्होंने पोस्ट का अंत #HappyChildrensDay के साथ किया।
पुलकित निर्देशित फिल्म ‘भक्षक’ एक स्थानीय पत्रकार की कहानी बताती है, जो एक बालिका आश्रय गृह में हो रहे भयावह अत्याचारों का पर्दाफाश करती है। जांच आगे बढ़ने के साथ ही सिस्टम की लापरवाही और समाज के सबसे कमजोर बच्चों की अदृश्य पीड़ा सामने आती है।
