जुबीन गर्ग मौत मामले में पांच आरोपियों को दो हफ्ते की न्यायिक हिरासत में भेजा गया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: दिग्गज गायक-संगीतकार ज़ुबीन गर्ग की आकस्मिक मृत्यु की जाँच ज़ोर पकड़ रही है। हाल ही में, 7 में से 5 आरोपियों को 2 हफ़्ते की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
इन 5 आरोपियों में से एक दिवंगत कलाकार का मैनेजर और दूसरा उसका चचेरा भाई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कामरूप महानगर ज़िले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बालोराम क्षेत्री की अदालत ने आरोपी श्यामकानु महंत, सिद्धार्थ शर्मा, संदीपन गर्ग, परेश बैश्य और नंदेश्वर बोरा को पुलिस रिमांड की अवधि समाप्त होने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
महंत उस सिंगापुर कार्यक्रम के आयोजक हैं, जिसमें दिवंगत गायक शामिल होने गए थे। सिद्धार्थ शर्मा उस कार्यक्रम के मैनेजर हैं और संदीपन, गायक के चचेरे भाई भी हैं और असम राज्य पुलिस में एक पुलिस अधिकारी भी हैं। सिद्धार्थ और संदीपन गर्ग के डूबने के समय घटनास्थल पर मौजूद थे, जबकि महंत भी कार्यक्रम के सिलसिले में सिंगापुर में थे, लेकिन घटना के समय कथित अपराध स्थल पर मौजूद नहीं थे।
असम पुलिस के आपराधिक जाँच विभाग (CID) के विशेष जाँच दल (SIT) ने गायक के डूबने में कथित संलिप्तता के आरोप में इस महीने की शुरुआत में उन्हें गिरफ़्तार किया था।
गायक का 19 सितंबर, 2025 को सिंगापुर में तैराकी दुर्घटना के दौरान निधन हो गया। ज़ुबीन सिर्फ़ एक गायक ही नहीं, बल्कि असम और भारत के एक सांस्कृतिक प्रतीक भी थे। उन्होंने 1990 में मुख्यधारा के संगीत में कदम रखा और जल्द ही असम के लोगों के पसंदीदा बन गए। सहस्राब्दी की शुरुआत में उन्होंने जल्द ही हिंदी फ़िल्म संगीत की ओर रुख किया। उन्होंने हिंदी संगीत में अपनी शुरुआत ‘कांटे’ के गाने ‘जाने क्या होगा रामा रे’ से की, जो क्वेंटिन टारनटिनो की ‘रिजर्वायर डॉग्स’ का अनौपचारिक रीमेक था।
उन्हें ‘गैंगस्टर’ के गाने ‘या अली’ से व्यापक पहचान मिली। यह गाना चार्टबस्टर रहा और लगभग दो दशक बाद भी एक पूरी पीढ़ी को प्रभावित करता है।
उन्होंने हिंदी में स्वतंत्र संगीत बनाना जारी रखा, लेकिन अपनी मातृभूमि में ही रहना चाहते थे, इसलिए उन्होंने असम को अपना आधार बनाया। तीन दशक से अधिक के करियर में जुबीन ने भारत की सभी प्रमुख भाषाओं में करीब 38,000 गाने गाए, यह एक ऐसी उपलब्धि है जो संगीत के क्षेत्र में बहुत कम लोग ही हासिल कर पाते हैं।
