बिहार चुनाव: प्रशांत किशोर का बीजेपी पर ‘मसल पावर’ का आरोप ‘तीन उम्मीदवारों को जबरन हटाया गया’

Prashant Kishor will not contest the upcoming Bihar elections, predicts a change in the NDA government

चिरौरी न्यूज

नई दिल्ली: बिहार की सियासत में चुनावी माहौल गरम होता जा रहा है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। किशोर का कहना है कि भाजपा ‘मसल पावर’ यानी बल प्रयोग और दबाव की राजनीति कर रही है, जिससे उनके तीन उम्मीदवारों को विधानसभा चुनाव से हटने के लिए मजबूर कर दिया गया।

प्रशांत किशोर ने साफ शब्दों में आरोप लगाया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री उनके उम्मीदवारों पर दबाव बना रहे हैं कि वे चुनाव मैदान से बाहर हो जाएं। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है और भाजपा सत्ता की ताकत का गलत इस्तेमाल कर रही है।

“मेरे तीन उम्मीदवारों को डराया-धमकाया गया और मजबूर किया गया कि वे नामांकन वापस ले लें। केंद्रीय मंत्री खुद इसमें शामिल हैं। क्या यही लोकतंत्र है,” प्रशांत किशोर ने कहा।

प्रशांत किशोर के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि वे इन आरोपों से ‘हैरान नहीं बल्कि हतप्रभ’ हैं। रूडी ने कहा कि किशोर के पास न तो जनाधार है और न ही राजनीतिक समझ।

“अगर प्रशांत किशोर को जमीनी हकीकत समझनी है, तो खुद चुनाव लड़कर देखें। तभी असलियत सामने आएगी।” – राजीव प्रताप रूडी

इस पूरे विवाद के बीच खबर है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बिहार भाजपा के नेताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों का मकसद है पार्टी में चल रही आंतरिक कलह को खत्म करना और एनडीए (NDA) गठबंधन की रणनीति को मजबूत करना।

सूत्रों के अनुसार, अमित शाह ने प्रदेश नेताओं को साफ संदेश दिया है कि कोई भी अंदरूनी मतभेद अब सार्वजनिक नहीं होना चाहिए, और सभी नेता एकजुट होकर चुनावी अभियान में जुट जाएं।

बिहार विधानसभा चुनाव: पृष्ठभूमि

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है। राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। वर्तमान में एनडीए सरकार सत्ता में है, जिसमें भाजपा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडीयू (जनता दल यूनाइटेड) प्रमुख साझेदार हैं।

हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में बिहार की राजनीति ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं:

नीतीश कुमार ने 2022 में राजद के साथ महागठबंधन बनाकर भाजपा का साथ छोड़ा था।

2024 में उन्होंने एक बार फिर भाजपा के साथ हाथ मिला लिया।

अब एनडीए के अंदर ही कई सीटों को लेकर तनाव सामने आ रहा है।

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने बिहार में साफ-सुथरी राजनीति और जनता के मुद्दों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, लेकिन इस तरह के आरोपों से यह स्पष्ट है कि उन्हें बड़ी पार्टियों से टक्कर का सामना करना पड़ रहा है।

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