ई-श्रम पोर्टल पर बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से सबसे ज्यादा हुआ असंगठित कामगारों का पंजीकरण
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल राज्य अधिकतम पंजीकरण के साथ इस पहल में अग्रणी हैं। ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित कामगारों के पंजीकरण को सुगम बनाने के लिए 26 अगस्त को शुरू किए गए अभियान को व्यारपक समर्थन मिला है। लगभग 24 दिन में, 1 करोड़ से ज्यादा कामगारों ने इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। आज तक, इस पोर्टल पर 1,03,12,095 कामगार पंजीकरण करा चुके हैं। इनमें से लगभग 43 प्रतिशत महिला और 57 प्रतिशत पुरुष लाभार्थी हैं।
निर्माण, परिधान विनिर्माण, मछली पालन, दिहाड़ी और अस्थायी मजदूर, रेहड़ी पटरी वाले, घरेलू कार्य, कृषि व सहायक कार्य, परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के असंगठित कामगारों का एक समग्र डाटाबेस तैयार करने पर पहली बार ध्यान केंद्रित करने के चरण में, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेंद्र यादव और राज्य मंत्री श्री रामेश्वर तेली ने 26 अगस्त को ई-श्रम पोर्टल का शुभारम्भ किया था।
इन क्षेत्रों में काम करने वालों में प्रवासी कामगारों की बड़ी हिस्सेदारी है। आर्थिक सर्वेक्षण 2019-20 के अनुसार, देश में 38 करोड़ असंगठित कामगार (यूडब्ल्यू) होने का अनुमान है, जिन्हें इस पोर्टल पर पंजीकरण के लिए लक्षित किया जाएगा। ये प्रवासी कामगार अब ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के माध्यम से विभिन्न सामाजिक सुरक्षा और रोजगार आधारित योजनाओं के लाभ भी ले सकते हैं।
श्री भूपेंद्र यादव, श्री रामेश्वर तेली, श्रम एवं रोजगार सचिव श्री अपूर्व चंद्रा और मुख्य श्रम आयुक्त (केंद्रीय) व सीएलसी के अन्य क्षेत्रीय अधिकारी असंगठित कामगारों का एक राष्ट्रीय डाटाबेस तैयार करने के लिए हाल में लॉन्च ई-श्रम पोर्टल की विशेषताओं और लाभों के बारे में बताने के लिए असंगठित कामगारों, ट्रेड यूनियनों के नेताओं व मीडिया के साथ संवाद कर रहे हैं। साथ ही पंजीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सीएलसी (सी) ने ऐसी पांच बैठकें की हैं।
केरल, गुजरात, उत्तराखंड, मेघालय, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, लद्दाख, जम्मू व कश्मीर और चंडीगढ़ जैसे राज्यों में इस अभियान में तेजी लाने की जरूरत है। यह पंजीकरण प्रमुख कल्याणकारी कार्यक्रमों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों तथा रोजगार के लिए विभिन्न अधिकारों के वितरणऔर पहुंच की सुविधा को आसान बनाएगा।
भारत में कृषि और निर्माण में बड़ी संख्या में रोजगार सृजन को देखते हुए, इन दो क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार पंजीकरण हुए हैं। इसके अलावा, घरेलू और घर में काम करने वालों, परिधान क्षेत्र के कामगारों, वाहन व परिवहन क्षेत्र के कामगार, इलेक्ट्रॉनिक्स और हार्डवेयर कामगार, पूंजीगत सामान कामगार, शिक्षा, स्वास्थ्य, खुदरा, पर्यटन और आतिथ्य सेवा, खाद्य उद्योग आदि विभिन्न व्यवसायों के कामगारों ने इस पोर्टल पर ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराए हैं।
इन पंजीकृत कामगारों में से लगभग 45 प्रतिशत 25-40 वर्ष आयु वर्ग से हैं, इसके बाद लगभग 21 प्रतिशत 40-50 वर्ष आयु वर्ग से, 19 प्रतिशत पंजीकरण 16-25 वर्ष आयु वर्ग से और 12 प्रतिशत पंजीकरण 50 वर्ष और इससे ज्यादा आयु वर्ग से हैं।
सीएससी द्वारा ज्यादा संख्या में पंजीकरण कराए गए हैं, जो उक्त ग्राफ में प्रदर्शित किया गया है। दिलचस्प है कि केरल और गोवा जैसे कुछ राज्यों और पूर्वोत्तर भारत में, मेघालय और मणिपुर में पोर्टल पर कामगारों ने बड़ी संख्या में खुद पंजीकरण कराया है। इसी प्रकार, दादर व नगर हवेली, अंडमान निकोबार और लद्दाख जैसे ज्यादातर केन्द्र शासित प्रदेशों के मामले में रहा है। हालांकि, कम सुविधाओं वाले क्षेत्रों में सीएससी की पहुंच एक अहम कारक के रूप में उभरी है। कामगारों को पोर्टल पर पंजीकरण के लिए अपने पास के सीएससी पर जाने और इस प्रक्रिया का लाभ लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, जिससे विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों की ज्यादा पोर्टेबिलिटी और अंतिम छोर तक डिलिवरी संभव होगी। इससे विशेष रूप से प्रवासी कामकारों को फायदा होगा।
ऑनलाइन पंजीकरण के लिए, कामगार ई-श्रम मोबाइल ऐप्लीकेशन या वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं। वे इस पोर्टल पर पंजीकरण के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी), राज्य सेवा केंद्र, श्रमिक सुविधा केंद्र, डाक विभाग के चुनिंदा डाकघरों, डिजिटल सेवा केन्द्र भी जा सकते हैं। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के बाद, असंगठित कामगार को एक डिजिटल ई-श्रम कार्ड मिलेगा और वे पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से अपना प्रोफाइल/विवरण अपडेट कर सकते हैं। उन्हें एक यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (ईश्रम कार्ड पर) मिलेगा, जो देश में कहीं भी स्वीकार्य होगा और अब उन्हें सामाजिक सुरक्षा लाभ लेने के लिए विभिन्न स्थानों पर पंजीकरण की जरूरत नहीं होगी। यदि कोई कर्मचारी ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत है और दुर्घटना का शिकार होता है, तो वह मृत्युी या स्थाोयी विकलांगता पर 2.0 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता पर 1.0 लाख रुपये का पात्र होगा/होगी।