आधार और वोटर आईडी लिंकिंग को लेकर बीजेपी का कांग्रेस पर जोरदार हमला, “पाखंड और दोहरी मानसिकता का प्रतीक है कांग्रेस”
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान के दौरान वोटर लिस्ट में आधार लिंकिंग को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शुक्रवार को कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। पार्टी ने कांग्रेस को “पाखंडी और अवसरवादी” बताते हुए कहा कि वह पूरी तरह से दोहरी मानसिकता के साथ काम कर रही है।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पुराने वीडियो और खबरों के स्क्रीनशॉट साझा किए, जिनमें कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला, शशि थरूर और मनीष तिवारी ने वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा आधार और वोटर आईडी को स्वैच्छिक रूप से लिंक करने के प्रस्ताव का विरोध किया था।
“अब वही कांग्रेस आधार को नागरिकता का प्रमाण मानने की मांग कर रही है”
अमित मालवीय ने कहा, “2022 में एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि वोटर आईडी और आधार को लिंक करना असंवैधानिक है और यह नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। लेकिन अब 2025 में, राहुल गांधी की कांग्रेस यही मांग कर रही है कि आधार को नागरिकता का प्रमाण मानते हुए चुनाव आयोग उसे वोटर पहचान के लिए स्वीकार करे। यह पाखंड की पराकाष्ठा है।”
मालवीय ने एक पुराने न्यूज लेख का लिंक भी साझा किया जिसमें 24 जुलाई, 2022 को कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने सुप्रीम कोर्ट में आधार-वोटर लिंकिंग कानून को चुनौती दी थी।
उन्होंने कहा, “2021 में जब मोदी सरकार ने वोटर आईडी और आधार को स्वैच्छिक रूप से जोड़ने का प्रस्ताव दिया था, तब कांग्रेस ने विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है, यह केवल निवास का प्रमाण देता है, और अगर इसे वोटिंग के लिए इस्तेमाल किया गया तो गैर-नागरिकों को भी वोटिंग का अधिकार मिल जाएगा। लेकिन अब कांग्रेस वही आधार नागरिकता के प्रमाण के रूप में स्वीकार करने की मांग कर रही है ताकि अवैध प्रवासियों और गैर-नागरिकों को वोटर लिस्ट में शामिल किया जा सके।”
“कांग्रेस की असलियत जनता के सामने उजागर हो गई है”
बीजेपी नेता ने कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) पर भी हमला बोलते हुए कहा कि वे चुनाव आयोग द्वारा बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत आधार को वोटर पहचान के रूप में न मानने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा से ही सुविधाजनक राजनीति की पार्टी रही है — बिना सिद्धांत, बिना नैतिकता और सिर्फ राजनीतिक अवसरवाद से प्रेरित।”
सुप्रीम कोर्ट की राय का हवाला
अमित मालवीय ने कहा कि इस पूरे मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट राय सामने आ चुकी है। “2018 के अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है, बल्कि यह केवल निवास का प्रमाण है।”
बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह अब वोटबैंक की राजनीति के लिए अवैध प्रवासियों को भी वोटर लिस्ट में शामिल करवाने की कोशिश कर रही है। मालवीय ने कटाक्ष करते हुए कहा, “बेशर्मी का दूसरा नाम अब कांग्रेस हो गया है।”