केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना में बदलाव की योजना: सूत्र
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: केंद्र सरकार अग्निवीर भर्ती योजना में बदलाव करने की योजना बना रहा है और सेना में अग्निवीरों के प्रतिधारण प्रतिशत को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही वेतन और पात्रता में भी बदलाव कर सकता है। इन संशोधनों का उद्देश्य योजना के समग्र ढांचे और लाभों को बेहतर बनाना है, जिसकी विपक्ष ने आलोचना की है और सेना में भर्ती होने के इच्छुक उम्मीदवारों के विरोध का सामना करना पड़ा है।
चिरौरी न्यूज को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अग्निवीरों के प्रतिधारण प्रतिशत को बढ़ाने पर विचार-विमर्श चल रहा है, जिससे उनमें से अधिक संख्या में अपने शुरुआती चार साल के कार्यकाल से परे पूर्णकालिक सेवा में बने रह सकें।
सूत्र ने कहा कि सेना ने सिफारिश की है कि चार साल के अंत में अग्निवीरों के प्रतिधारण का प्रतिशत लगभग 50% तक बढ़ जाना चाहिए। सेना ने आंतरिक फीडबैक और विभिन्न इकाइयों और संरचनाओं में किए गए सर्वेक्षणों के बाद सरकार को इन संभावित परिवर्तनों के बारे में सिफारिशें पहले ही सौंप दी हैं।
अग्निपथ योजना क्या है?
इस योजना का अनावरण केंद्र ने 2022 में सशस्त्र बलों को दुबला बनाने और रक्षा पेंशन बिल को कम करने के प्रयास में किया था। इस योजना के अनुसार, अग्निवीर के रूप में जाने जाने वाले कर्मियों को चार साल के अल्पकालिक अनुबंध पर सेना, नौसेना और वायु सेना में भर्ती किया जाता है। कुल वार्षिक भर्तियों में से केवल 25% को स्थायी कमीशन के तहत जारी रखने की अनुमति है।
हालांकि, अग्निपथ योजना को देश भर में विरोध का सामना करना पड़ा, जिसमें सेना के उम्मीदवारों ने कहा कि 4 साल बाद सेवा छोड़ने वालों का भविष्य अनिश्चित होगा। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष ने इस योजना को वापस लेने की मांग की है, जबकि एनडीए के सहयोगियों ने इसकी समीक्षा की मांग की है।
इसके अलावा, भाजपा की आंतरिक रिपोर्टों से पता चला है कि पार्टी को हालिया लोकसभा चुनावों में उन क्षेत्रों में झटका लगा है जहां रक्षा कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक है।