मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने साइंस सिटी में बायोटेक्नोलॉजी प्री-वाइब्रेंट समिट का शुभारंभ किया
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के पूर्वाद्ध रूप में आयोजित बायोटेक्नोलॉजी सेक्टर के प्री-वाइब्रेंट इवेंट में स्पष्ट रूप से कहा कि बायोटेक्नोलॉजी तेजी से बढ़ती ‘टेक्नोलॉजी ऑफ होप’ है।
तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात ने 2004 से राज्य में बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र के विकास पर विशेष जोर दिया है।
इतना ही नहीं गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर वाला एकमात्र राज्य है। सावळी के पास बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च एंड इनक्यूबेशन सेंटर को देश के टॉप पांच में स्थान दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस सेंटर के द्वारा लगभग 100 स्टार्टअप तैयार हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वदेशी विज्ञान प्रौद्योगिकी से लेकर अंतरिक्ष तक अनेक क्षेत्रों में भारत की अद्वितीय क्षमताओं का विश्व को परिचय कराया है।
उन्होंने कहा कि विश्व को गुजरात और देश की व्यापार उद्योग क्षमता का परिचय कराने के लिए 2003 में प्रधानमंत्री द्वारा बोए गए वाइब्रेंट गुजरात समिट का बीज आज दो दशकों में विकास का वटवृक्ष बन गया हैं।
मुख्यमंत्री ने फार्मा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में गुजरात की उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि फार्मास्युटिकल क्षेत्र 10 हजार करोड़ की आय के साथ राज्य के इंडस्ट्रियल आउटपुट में 40 से 45% का योगदान देता है। राज्य में सबसे बड़ा फार्मा और बायोटेक वार्कफोर्स उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में ‘जय अनुसंधान’ के मंत्र को साकार करते हुए देश में बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में स्वर्णिम युग की शुरुआत हो चुकी है और गुजरात भी इसमें अग्रसर होने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विकसित गुजरात के माध्यम से विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र महत्वपूर्ण साबित होगा।
इस कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुखभाई मांडविया ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य में बायोटेक्नोलॉजी मिशन और बायोटेक्नोलॉजी पार्क की स्थापना की थी।
उन्होंने कहा कि 20 वर्ष पहले गुजरात बायोटेक्नोलॉजी मिशन की स्थापना करने वाला समग्र देश का पहला राज्य था। यह कदम ही दर्शाता है कि बायोटेक्नोलॉजी को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का विज़न कितना दूरदर्शी होगा।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय बायोटेक इंडस्ट्री 2025 तक 150 अरब डॉलर और 2030 तक 300 अरब डॉलर के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है। भारत में बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में 760 से अधिक कंपनियां और विभिन्न क्षेत्रों में फैले लगभग 4240 स्टार्टअप शामिल हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत ने कोविड 19 महामारी में कुल 5 वैक्सीन बनाकर विश्व को भारत के बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र की ताकत का परिचय दिया है, जो बायोटेक्नोलॉजी स्किल के कारण संभव हो सका।
उन्होंने कहा कि भारत ने दुनिया के 125 से अधिक देशों में किफायती वैक्सीन उपलब्ध कराई।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने गुजरात को बधाई देते हुए कहा कि गुजरात ने बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र में अग्रसर रहकर देश के विकास में योगदान देने का कार्य किया है, जो सराहनीय है। वाइब्रेंट गुजरात के इस प्री-इवेंट से इस क्षेत्र को सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस इवेंट में हुए वैचारिक आदान-प्रदान के माध्यम से बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र को नई ऊंचाइयां प्राप्त होगी।
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री राजेश गोखले ने आगामी समय में ‘बायोलॉजी द्वारा टेक्नोलॉजी क्रांति’ विषय पर प्रेजेंटेशन दी। जिसमें इस क्षेत्र में देश में स्थित चुनौतियां, उनके समाधान और विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने में बायोटेक्नोलॉजी, रिसर्च और इनोवेशन की भूमिका के संबंध में जानकारी दी गई।
मुख्य सचिव राज कुमार ने कहा कि भारत आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। भविष्य में देश विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में देश का बायोटेक्नोलॉजी सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले समय में नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन और रिन्यूएबल संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लक्ष्य को साकार करने में बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी का मुख्य उद्देश्य राज्य में बायोटेक इंफ्रास्ट्रक्चर और बायोटेक्नोलॉजी इकोसिस्टम का विकास करके गुजरात को बायोटेक्नोलॉजी हब बनाना है।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग( साइंस और टेक्नोलॉजी विभाग) की प्रधान सचिव सुश्री मोना खंधार ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि भारत का बायोटेक्नोलॉजी एवं बायोइकोनॉमी क्षेत्र पिछले 8 वर्षों में आठ गुना बढ़ा है।
राज्य के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने गुजरात बायोटेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, गुजरात बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर और गुजरात स्टेट बायोटेक्नोलॉजी मिशन जैसे शैक्षणिक संस्थानों को एक साथ लाकर राज्य में सुग्रथित बायोटेक्नोलॉजी इकोसिस्टम विकसित करने का कार्य किया है।
इस प्री-वाइब्रेंट समिट में उपस्थित महानुभावों द्वारा विभिन्न नवीन बायोटेक्नोलॉजी प्रोडक्ट को लॉन्च किया गया तथा बायोटेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ MoU किया गया।
इस प्री-वाइब्रेंट समिट में बायोटेक्नोलॉजी एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री जी.एस. कृष्णन, कैलिफोर्निया के टारगेट डिस्कवरी इनकॉरपोरेशन के चेयरमैन श्री जेफरी पीटरसन, गुजरात स्टेट इलेक्ट्रॉनिक मिशन के निदेशक श्री विदेह खरे, सहित बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र के विशेषज्ञ और शोधकर्ताओं सहित उद्योगपति और आमंत्रित मेहमान उपस्थित रहे।