चीनी सेना ने गलवान घाटी में पीछे किए अपने टैंट
चिरौरी न्यूज़
नई दिल्ली: भारत और चीन की सेनाओं के बीच 30 जून को करीब 10 घंटे तक कोर कमांडर स्तर की बातचीत में लिए गए फैसलों के आधार पर पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन ने अपने सैनिकों को पीछे कर लिया है। बताया जा रहा है कि कमांडर स्तर पर लिए गए फैसलों में चीनी सेना को अपना टेंट डिसइंगेजमेंट करने के लिए भारत की तरफ से कहा गया था, जिसे अब वो पूरा कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन की सेना ने एक से दो किमी अपने टैंट पीछे हटा लिए हैं।
30 जून को हुई मैराथन मीटिंग में भारत की तरफ से साफ़ साफ़ कहा गया था कि चीनी सेना अपना टेंट डिसइंगेजमेंट कर लें और वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर स्टेटस को बरक़रार रखे। इस बातचीत का मुख्य उद्देश्य पूर्वी लद्दाख के टकराव वाले क्षेत्रों से सैनिकों को पीछे करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देना था। भारत ने पुरानी स्थिति बहाल करने और तत्काल चीनी सैनिकों को गलवान घाटी, पेंगोंग सो और अन्य इलाकों से वापस बुलाने की मांग की थी, जिसे अब जाकर चीनी सेना ने माना है। हालांकि भारत सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक सूचना इस मामले में अब तक नहीं दी गयी है, लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से यह कही जा रही है कि चीनी सेना तक़रीबन 2 किलोमीटर तक पीछे गयी है।
बता दें, पूर्वी लद्दाख के विभिन्न स्थानों पर गत सात हफ्ते से भारत और चीन के सेनाओं के बीच तनाव है और यह तनाव और बढ़ गया जब 15 जून को गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स में 43 से ज्यादा चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की खबर है, लेकिन चीन ने इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं की। इसके बाद से दोनों पक्षों में कई दौर की बातचीत हुई है।