उत्तरकाशी में बादल फटा, धाराली गांव में तबाही; पांच की मौत, राहत और बचाव कार्य जारी
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मंगलवार तड़के भारी तबाही मच गई जब धाराली गांव में भीषण बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने दर्जनों घरों, पेड़ों और वाहनों को अपने चपेट में ले लिया। इस आपदा में अब तक पांच लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कई अन्य लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है।
आपदा के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (EOC) में आपदा प्रबंधन की बैठक की। उन्होंने हर्षिल और धाराली का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री धामी से बात कर हालात की जानकारी ली और केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
आपदा मंगलवार को तड़के लगभग 1.50 बजे हुई जब खीरगंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटा और अचानक पानी, मलबा व सिल्ट का सैलाब धाराली गांव में घुस आया। गांव का आधा हिस्सा मलबे में दब गया। अब तक लगभग 130 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। हालांकि, लापता लोगों की आधिकारिक संख्या की अभी पुष्टि नहीं हुई है।
घटनास्थल से सामने आए वीडियो में पानी की तेज धारा, मिट्टी और पत्थर के साथ गांव के घरों को बहाते हुए दिख रही है। कई बहुमंजिला इमारतें भी पलभर में धराशायी हो गईं। लोगों की चीख-पुकार और अफरा-तफरी ने भयावह मंजर को और भी झकझोर देने वाला बना दिया।
धाराली के अलावा पास के सुकी गांव में भी भारी नुकसान हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन के अनुसार, जलप्रलय ने पहाड़ी के दोनों ओर बहकर दो गांवों को चपेट में लिया। उत्तरकाशी जिले में अभी भी रेड अलर्ट जारी है।
इस भीषण आपदा में हर्षिल में स्थित सेना के एक कैंप पर भी बादल फटने की घटना हुई, जिसमें कम से कम 11 जवान लापता हो गए हैं। सेना, पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) के जवान राहत एवं बचाव कार्यों में जुटे हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से NDRF की टीमें हवाई मार्ग से उत्तराखंड भेजी गई हैं। राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं: 01374222126, 01374222722 और 9456556431।
इसी बीच, पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश से भी भारी बारिश और बादल फटने की खबरें आई हैं। किन्नौर जिले के तंगलिंग क्षेत्र में किन्नर कैलाश यात्रा मार्ग का बड़ा हिस्सा बाढ़ में बह गया, जिससे सैकड़ों तीर्थयात्री फंस गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-35 को निगुलसारी के पास भारी बारिश और भूस्खलन के चलते बंद कर दिया गया है। चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर भी चक्की मोड़ के पास मलबा गिरने के कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है।
भारतीय मौसम विभाग ने बुधवार सुबह 6:30 बजे चेतावनी जारी करते हुए हिमाचल प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जबकि बिलासपुर, सोलन, शिमला, सिरमौर और मंडी जिलों में अगले तीन से चार घंटों के दौरान कहीं-कहीं तीव्र से अति तीव्र वर्षा की चेतावनी दी गई है।
उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में मानसून का कहर फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रहा है और हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं।