औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस शिवसेना में ठनी

चिरौरी न्यूज़

मुंबई: महाराष्ट्र में औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर कांग्रेस और शिवसेना में ठन गयी है।  महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर करना चाहती है लेकिन कांग्रेस को इस पर ऐतराज है। कांग्रेस ने औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर शिव सेना को धमकी दी है और कहा है कि ऐसी किसी भी प्रयास का कांग्रेस विरोध करेगी। वहीँ उद्धव सरकार औरंगाबाद का नाम बदलने को तैयार है और इसे मराठी अस्मिता से जोड़कर देख रही है।

बता दें कि औरंगाबाद का ऐतिहासिक महत्व है। पहले इस शहर का नाम फ़तहनगर था। औरंगज़ेब ने इस पार क़ब्ज़ा करके इसका नाम औरंगाबाद रख दिया। औरंगज़ेब की कब्र भी औरंगाबाद में ही है। औरंगज़ेब के शासनकाल का एक बड़ा हिस्सा मराठाओं से संघर्ष में गुजरा। औरंगज़ेब की भिड़ंत पहले मराठा राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी के साथ हुई और फिर उनके बेटे छत्रपति संभाजी के साथ। लड़ाई के दौरान संभाजी मुग़लों की गिरफ़्त में आ गए। क्रूरता से संभाजी की हत्या कर दी गयी। शिव सेना उन्ही का नाम इस शहर को देना चाहती है।
अब फिर एक बार नामांतरण की बात इसलिए हो रही है क्योंकि चंद महीने बाद ही औरंगाबाद महानगरपालिका के चुनाव होने वाले हैं। फ़िलहाल यहां शिव सेना की सत्ता है और नामांतरण के बहाने शिव सेना मराठी अस्मिता और हिंदुत्व का कार्ड खेल कर सत्ता में बनी रहना चाहती है। अपने अख़बार सामना के औरंगाबाद संस्करण में शिव सेना औरंगाबाद को संभाजीनगर ही लिखती है। शिव सेना सांसद संजय राउत ने हाल ही में कहा कि बालासाहब ठाकरे ने ३० साल पहले हाई औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर कर दिया था, अब सिर्फ़ काग़ज़ पर नाम बदलना रह गया है।

कांग्रेस के लिए नामांतरण का विरोध करना मजबूरी है क्योंकि औरंगाबाद में बड़े पैमाने पर मुस्लिम रहते हैं और यहाँ असदउद्दिन ओवैसी की पार्टी ने अपना दबदबा बना लिया है। यहां के सांसद इम्तियाज़ जलील ओवैसी की पार्टी से ही हैं। अपना अल्पसंख्यक वोट बैंक फिर से हासिल करने के लिए कांग्रेस नामांतरण का विरोध कर रही है।

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