कोरोना के कारण विश्व की आधी आबादी आएगी गरीबी रेखा से नीचे?
अभिषेक मल्लिक
नई दिल्ली: कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने पूरे विश्व में अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। ये लोगों को शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार तो कर ही रहा है, पुरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है। एक रिसर्च में दावा किया गया है कि विश्व की आधी आबादी कोरोना के कारण गरीबी रेखा से नीचे आ जायेगी।
कोरोना महामारी के कारण अब वैश्विक गरीबी के दायरों में करीब एक अरब से अधिक लोग आ सकते हैं। वहीं अगर अत्यधिक गरीबों की सूची की बात करें तो 40 करोड़ से ज्यादा लोग इसमें दक्षिण एशिया से आएंगे। यह आंकड़े डराने वाले हैं। अगर अभी कुछ दिन और करोना का कहर इसी प्रकार रहा तो इस आंकड़े में बढ़ोतरी भी हो सकती है।
लंदन के किंग्स कॉलेज और ऑस्ट्रेलिया के नेशनल यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च में पता चला है कि विकासशील देशों में मध्यम आय वाले वर्ग में गरीबी स्तर तेजी से बढ़ रहा है। इसका बड़ा प्रभाव दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया के देशों में अधिक हो सकता है, और इन देशों में गरीबी रेखा के नीचे पहले से ही लाखों लोग रहते हैं। तो जरा अंदाजा लगाइये की आने वाले दिनों में हालात कैसे होंगे। इन देशों की सूची में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, और इंडोनेशिया जैसे देश शामिल हैं, जहां गऱीबी का ख़तरा मंडरा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र यूनिवर्सिटी वर्ल्ड इंस्टिट्यूट फ़ॉर डेवेलपमेंट इकनोमिक रिसर्च (UNUWIDER) की तरफ़ से भी जारी एक रिपोर्ट में भी कुछ इसी तरह की आर्थिक ख़तरे की बात कहीं गयी हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे विश्व के गरीबों की आय करीब 1.90 डॉलर हो सकती है। अगर रुपये में बात करे तो करीब 144 रुपये के करीब रोज कमाने वाले लोगों की संख्या 1 अरब से अधिक हो सकती है।
वर्ल्ड बैंक भी इस स्थिति की चर्चा करते हुए अनुमान लगाया है कि सबसे बुरी स्थिती में प्रतिव्यक्ति आय में 20 फीसदी तक की कमी हो सकती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक करीब 1।12 अरब लोगों पर ये अत्यंत ग़रीबी की मार पर सकती है। अगर 20 फीसदी की कमी में 5 डॉलर की गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों की संख्या 3.7 अरब के करीब रहेगी, जो वैश्विक आबादी के आधे से अधिक है। अगर सभी राष्ट्र की सरकारें इसपर जल्द फैसला नहीं लेती है तो ये कहना गलत नहीं होगा कि ग़रीबो की स्थिती 20-30 साल पीछे चली जाएगी। कोविड-19 की मार गरीबों को और अंधेरे में ले जाएगी।