कोविड वैक्सीन प्रजनन क्षमता को प्रभावित नहीं करती है: डॉ. मंजू पुरी

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: 18 साल से अधिक आयु वर्ग के सभी लोगों के लिए देशभर में एक मई से कोरोना कावैक्सीन शुरू कर दिया गया था। वैक्सीन को लेकर इस आयु वर्ग में सबसे अधिकजिज्ञासा भी है और आशंका भी, वैक्सीन और प्रजनन क्षमता को लेकर महिलाओं केमन में भ्रम है कि वैक्सीन लेने से वह भविष्य में गर्भधारण नहीं कर पाएगीं, वहीं युवाओं के मन में शंका है कि वैक्सीन उनकी प्रजनन क्षमता को प्रभावितकरेगी। कोविड वैक्सीन को लेकर इस वर्ग की स्वास्थ्य संबंधी कई दिक्कतों पर हमने लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की प्रमुख डॉ. मंजू पुरी से बात की- प्रस्तुत है उनसे हुई बातचीत के प्रमुखअंश-

क्या कोविड वैक्सीन प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है?

वैक्सीनको शरीर में संक्रमण के कारक वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा तंत्र विकसित करने के लिए बनाया गया है, इसका अन्य किसी भी हार्मोन पर किसी तरह का प्रभावनहीं पड़ता है। महिलाओं में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टोरेन को गर्भधारण के लिएकारक माना जाता है, वहीं पुरूषों में हार्मोन टेस्टोरेन प्रजनन क्षमता कानिर्धारण करता है। कोविड की किसी भी वैक्सीन से हार्मोन पर किसी भी तरह काअसर नहीं पड़ता, इसलिए वैक्सीन लेने के बाद संतानहीनता या प्रजननक्षमता कमहोने के दीर्घकालीन परिणाम होने की संभावना लगभग न के बराबर है। सभीवैक्सीनों की प्रभावकारिता और गुणवत्ता की जांच के लिए सबसे पहले वैक्सीनका जानवरों पर परीक्षण किया जाता है, कोविड वैक्सीन को भी वैक्सीनप्रमाणिकता की सभी मानकों पर जांचा-परखा गया है।

गर्भ निरोधक उपायों का सेवन करते हुए भी क्या कोविड वैक्सीन ले सकते हैं? क्या इसका कोई बुरा प्रभाव पड़ेगा?

कुछ कांट्रेसेप्टिव या गर्भनिरोधक विकल्पों में स्टेरॉयड होता है। अधिकांश युगल दम्पतियों में यह आशंका है कि यदि वह परिवार नियोजन के लिए गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो उन्हें फिलहाल कोविड वैक्सीननहीं लेनी चाहिए। कुछ देशों में कोविड वैक्सीन लेने के बाद थांब्रोसाइसिस (खून का थक्का)बनने के मामले सामने आए हैं जिसका संबंध वैक्सीन के बाद शरीरमें होने वाले इम्यून इंड्यूस्ड (प्रतिरक्षा प्रेरित)से लगाया जाता है।परंतु भारत के लोगों में खून के थक्के बनने की संख्या बहुत कम है इसलिएकोविड वैक्सीन परिवार नियोजन के साथ भी लिया जा सकता है।

क्या महिलाओं को पीरियड्स या माहवारी के समय वैक्सीन नहीं लेना चाहिए?

अधिकतरलोगों द्वारा यह कहा जा रहा है कि महिलाओं को माहवारी के तीन या चार दिनतक कोविड वैक्सीन नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में कुछतरह के हार्मोनल्स बदलाव होते हैं। लेकिन वैक्सीन माहवारी में भी ली जासकती है, हार्मोन संबंधी बदलाव को वैक्सीन प्रभावित नहीं करती है। महिलाएंकिसी भी स्थिति में वैक्सीन ले सकती हैं। वैक्सीन लगवाने वाले दिन खानाखाकर जाएं और पानी साथ लेकर जाएं।

क्या गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी वैक्सीन ले सकती हैं?

भारतमें लांच की गई कोरोना की किसी भी वैक्सीन का गर्भवती महिलाओं पर परीक्षणनहीं किया गया है, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बात के लिए आश्वस्त नहींहैं कि वैक्सीन गर्भवती महिलाओं या गर्भस्थ शिशु को किस प्रकार प्रभावितकरेगी, लेकिन स्तनपान कराने वाली महिलाएं वैक्सीन ले सकती है। इससे उन्हेंकिसी तरह का नुकसान नहीं हैं। यदि वैक्सीन लगने के बाद हल्का बुखार हो तोउस स्थिति में शिशु को स्तनपान न कराएं।

क्या पीसीओडी (पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम) या यूटीआई (यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन) की स्थिति में भी महिलाएं वैक्सीन ले सकती है?

ऐसीकिसी भी स्थिति में वैक्सीन का दुष्प्रभाव होगा, ऐसा फिलहाल नहीं देखा गयाहै। एहतियात के तौर पर कहा जाता है कि यदि पूर्व में कोई खून पतला करनेवाली दवाओं का सेवन कर रहा है तो वैक्सीन लेने से पहले एक बार अपनेचिकित्सक से अवश्य संपर्क कर लें। पीसीओडी या यूटीआई में वैक्सीन कादुष्प्रभाव नहीं देखा गया है।

अकसर महिलाओं में थायराइड की समस्या होती है, यदि कोई महिला थायराइड की दवाओं का नियमित सेवन कर रही है क्या तभी वैक्सीन ले सकती है?

जी बिल्कुल ले सकती हैं, जैसा कि मैने आपको पहले भी बताया कि वैक्सीन केवलसंक्रमण के कारक वायरस के प्रति शरीर में प्रतिरक्षा तंत्र विकसित करती है, इसका हार्मोन्स या व्यक्ति के डीएनए पर किसी तरह का प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिए थॉयरॉयड की दवाओं का सेवन करने के दौरान भी वैक्सीन ली जा सकती है।

 

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