दिल्ली एसिड अटैक केस में चौंकाने वाला मोड़: पीड़िता के पिता अकील खान गिरफ्तार
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: दिल्ली के लक्ष्मीबाई कॉलेज के पास हुए एसिड अटैक केस में सोमवार देर शाम एक बड़ा मोड़ आया, जब दिल्ली पुलिस ने पीड़िता के पिता अकील खान को गाज़ियाबाद से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि खान पिछले दो दिनों से फरार चल रहा था और उसे एक रिश्तेदार के घर से स्थानीय खुफिया सूत्रों की मदद से पकड़ा गया। उसे भारी पुलिस सुरक्षा में दिल्ली लाया जा रहा है, जहां मंगलवार सुबह से पूछताछ शुरू होगी।
पुलिस को शक है कि खान ने घटना की साजिश में किसी रूप में भूमिका निभाई या फिर शुरुआती शिकायत में तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया। हालांकि, अभी तक उसके खिलाफ औपचारिक आरोप दर्ज नहीं किए गए हैं।
घटना की पृष्ठभूमि
26 अक्टूबर की सुबह करीब 10:52 बजे, 20 वर्षीय छात्रा को दोनों हाथों और पेट पर जलन के साथ दीपचंद बंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छात्रा ने बताया था कि जीतेन्द्र नामक युवक, जो उसका पीछा करता था, अपने साथियों ईशान और अरमान के साथ मोटरसाइकिल पर आया और उस पर एसिड फेंका।
लेकिन जांच में बड़ा मोड़ तब आया जब CCTV फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स और गवाहों के बयान ने जीतेन्द्र की मौजूदगी को करोल बाग के एक पेंटिंग कॉन्ट्रैक्ट पर साबित किया। उसकी मोटरसाइकिल भी वहीं खड़ी मिली।
पारिवारिक दुश्मनी और नए खुलासे
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि जीतेन्द्र की पत्नी ने 24 अक्टूबर को भलस्वा डेयरी थाना में अकील खान के खिलाफ यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज कराया था। वह 2021 से 2024 तक खान की फैक्ट्री में काम करती थी।
इसके अलावा, आरोपी बताए जा रहे अरमान और ईशान की मां, शबनम, खुद 2018 में एसिड अटैक की शिकार रह चुकी हैं। उन्होंने उस हमले के लिए अकील खान के रिश्तेदारों को जिम्मेदार ठहराया था।
पुलिस की अगली कार्रवाई
पीड़िता का भाई, जिसने उसे कॉलेज के पास छोड़ा था, अभी तक पुलिस की पहुंच से बाहर है। उसके लिए लुकआउट नोटिस जारी किया गया है। इस बीच, दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने पूरे मामले की समयबद्ध जांच के आदेश दिए हैं।
इस सनसनीखेज केस ने एक बार फिर दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। महिला आयोग और छात्र संगठनों ने घटना की निंदा करते हुए कॉलेज परिसरों के आसपास एआई-आधारित निगरानी बढ़ाने की मांग की है।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में अब तक 147 एसिड अटैक के मामले दर्ज हो चुके हैं — और यह मामला बताता है कि सच्चाई कभी-कभी सबसे तेज़ जलने वाला तत्व होती है।
