गांधी के देश में गजब का संयम दिखाया दिल्ली पुलिस ने
सुभाष चन्द्र
महात्मा गांधी ने कहा था – आप विनम्रता से पूरी दुनिया को हिला सकते हैं।
लगता है कि दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को इसे ही सूत्र वाक्य माना और आत्मसात कर लिया। नहीं तो जिस प्रकार से किसान आंदोलन के नाम पर पूरी दिल्ली और एनसीआर में उत्पात मचाया गया, उससे अपने तरीके से निबटने में दिल्ली पुलिस पूरी तरह से सक्षम है। कई अवसर पर दिल्ली पुलिस ने इसे साबित भी किया है।
26 जनवरी को किसान आंदोलन के नाम पर अपने कहे को ठुकराकर किसान नेताओं के साथ उनके समर्थकों ने दिल्ली को एक तरह से दंगल का मैदान बना दिया। आईटीओ पर खूब उत्पात मचाया। बसों को तोडा। लाल किले में खूब उत्पात किया। लगा ही नहीं कि ये किसान हैं। किसान कभी अपनी विरासत को नुकसान नहीं पहुंचाता। लालकिले के कई सीसीटीवी कैमरे तोडे गए। कुर्सियां-मेज को धूल में मिला दी गई।
किसानों के हमले में घायल हुए डीसीपी नाॅर्थ के आॅपरेटर संदीप का कहना है कि हम लाल किले पर गणतंत्र दिवस की ड्यूटी पर थे। वहां एक उग्र भींड आई और उन्होंने अचानक लाठी-डंडे और जो भी हथियार उनके पास थे उनसे हमला कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि पुलिस को बहुत मशक्कत करनी पड़ी।
और तो और, जिस प्रकार से लाल किले के प्राचीर से किसानों ने तिरंगा के बजाय खालसा और अपना झंडा लहराया, कोई भी देशवासी इसे सही मानेगा ? यह बडा सवाल है। जिस दिन भारतीय संसद ने जनमानस की आकांक्षाओं को सर्वोपरि मानते हुए संविधान को अंगीकार किया, उसके 72वें वर्षगांठ पर ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे लोगों के कारनामों को देखकर पूरा देश शर्मसार है।
जिस संविधान ने लोकतंत्र में आपको अधिकार दिए हैं, वहां आपने अपना कर्तव्य भुला दिया ? तारीफ तो दिल्ली पुलिस की है, जिसने अपने सेवा और जनता की सुरक्षा के सूत्र वाक्य को पूरे समय अपने मन में धारण किए रहा। उसी अनुरूप आचरण किया।
उससे पहले ही सुबह दिल्ली की सीमाओं पर, जहां किसान आंदोलन कर रहे थे और बार-बार आश्वासन भी दे रहे थे कि हमारा आंदोलन शांतिपूर्ण है और रहेगा, उसी जगह निहंगों ने हाथ में नंगी तलवारों के साथ प्रदर्शन किया। पुलिस बैरिकेडिंग पर चढ गए। कुछेक पुलिसवालों पर तलवारों से हमला करने की बात भी सुनने में आ रही है। बावजूद इसके पुलिसकर्मी संयम में रहे।
अब तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, 300 से अधिक पुलिसकर्मी पर किसानों के नाम पर आंदोलन कर रहे लोगों ने हमला किया। जिसमें 100 से अधिक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं। उनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज चर रहा है। दिल्ली पुलिस के आला अधिकारी लगातार अपील करते रहे कि आप नियमों का पालन करें। शासन-प्रशासन ने आपको जो रूट दिए हैं, उस पर ही रहे। लेकिन नहीं, इन्हें तो आंदोलन के नाम पर उत्पाता मचाना था।
एक दिन बाद भी दिल्ली पुलिस ने संयम ही बरता है। बदले की कार्रवाई करने पर आती, तो जो भी सडक पर उत्पात कर रहे थे, उनको अस्पताल पहुंचा सकती थी। लेकिन, उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया।
हां, सुरक्षात्मक कदम उठाते हुए कई इलाकों में इंटरनेट की सेवा बंद कर दी। जिससे कोई भी अफवाह न फैले। कई रास्तों को बंद किया गया। जहां भी आशंका रही, वहां अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। मंशा केवल एक ही – हमारे देशवासियों को कोई विशेष परेशानी न हो। तभी तो दिल्ली पुलिस कहती है – आपकी सेवा में सदैव तत्पर।
मगर, जिन्होंने उत्पात मचाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है। इसलिए लगातार दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने चप्पे-चप्पे की जानकारी ली। हर वह कदम उठाने की सूचना है, जिससे जनता में विश्वास कायम रहे और लोग सुरक्षित रहें।
अब सूचना आ रही है कि दिल्ली पुलिस ने कहा है कि हमने कल शहर में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में 200 लोगों को हिरासत में लिया। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान कल दिल्ली के लाल किले पर हुई हिंसा के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले की जांच क्राइम ब्रांच करेगी। धारा 395 (डकैत), 397 (लूट या डकैत, मारने या चोट पहुंचाने की कोशिश), 120 बी (आपराधिक साजिश की सजा) और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है।
हालांकि, दिल्ली पुलिस की संयम को लेकर कई लोग सवाल भी उठा रहे हैं। सोशल मीडिया में कुछ नेताओं ने सवाल किया और इसे सीधेतौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्त छवि से जोडा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, जिनके अधीन दिल्ली पुलिस आती है, को लेकर भी लोगों के मन में कई सवाल हैं। पहले शाहीन बाग, उसके बाद दिल्ली दंगा और अब 26 जनवरी को किसानों द्वारा किया गया उत्पात ? ठीक है, हर जगह अपने ही देश के लोग रहे। लेकिन, जब संयम एक सीमा से अधिक हो जाता है, तो उसे कमजोरी माना जाता है। क्या दिल्ली पुलिस को कमजोर बनाया जाएगा ?
व्यंग्यात्मक तरीके से कुछ लोग पूर्व राजीव गांधी को याद कर रहे हैं और याद दिला रहे हैं 1984 के समय को, जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। व्यंग्यात्मक शैली में ही गोधरा कांड का भी उल्लेख हो रहा है। दिल्ली में हुए हिंसक प्रदर्शन के चलते हुए हरियाणा सतर्क हो गया है। राज्य सरकार ने प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। हरियाणा के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव ने सभी पुलिस प्रमुखों को सतर्कता बरतने के लिए कहा है। राज्य में सख्ती बढ़ा दी गई है।
अब तो इसका वैश्विक असर भी दिखने लगा है। दिल्ली में हुए विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए अमेरिका ने अपने अधिकारियों के लिए यात्रा एडवाइजरी जारी की है। अमेरिका ने दिल्ली में मौजूद अपने अधिकारियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों से बचने और सावधानी बरतने के लिए कहा गया है।
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली के पुलिस कमिश्नर और आईबी चीफ के साथ बैठक किए। माना जा रहा है कि बैठक में उपद्रवियों से निपटने की रणनीति तैयार होगी। उसमें पूरे संयम के साथ सुरक्षा एजेंसी एक एक बिंदु पर काम करेगी। इन बातों के बीच इतना तो मानना पडेगा कि दिल्ली पुलिस ने चाहे जो भी रणनीति हो, अपना संयम और सहनशीलता का परिचय दिया। इसे पूरा देश देख रहा है।