दिल्ली में तेज हुआ किसानों का प्रदर्शन, कई जगहों पर फ्री हुए टोल प्लाजा

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में चल रहा किसानों का आंदोलन और तेज हो गया है। किसानों ने दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे और दिल्ली-जयपुर हाइवे को ठप करने का एलान कर दिया था। इधर आंदोलन में और तेजी लाने के लिए पंजाब के अलग-अलग इलाकों से करीब 50 हजार किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। हालांकि सरकार ने भी अब आन्दोलन को लेकर कड़ा रुख अख्तियार किया है। सरकार की तरफ से सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि किसानों के आन्दोलन में देशविरोधी लोगों की घुसपैठ हो गयी है, अगर ऐसा नहीं होता तो उमर खालिद और शर्जील इमाम जैसे देशविरोधी लोगों की तस्वीर के साथ प्रदर्शन कोई किसान क्यों करेगा।

सरकार भी कृषि कानून को फ्रंटफुट पर खेलने के लिए तैयार है। इसके तहत बीजेपी देश भर में चौपाल, प्रेस कॉन्फ्रेंस और किसान सम्मेलन का आयोजन कर रही है। आज दिन सुबह से सरकार के कई मंत्री विभिन्न चैनलों पर सरकार की बातें रख रहे हैं।

इधर दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी) पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने दिल्ली की ओर मार्च किया है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि, “इस मार्च के साथ हम सरकार को अपने मुद्दों को सुनने के लिए एक संदेश देना चाहते हैं।

किसानों के प्रदर्शन के कारण नोएडा, गाजियाबाद से यातायात के लिए चिल्ला और गाजीपुर सीमाओं को बंद किया गया है। आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा एवं भोपरा सीमाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है। टिकरी और धानसा सीमाएं भी यातायात के लिए बंद हैं हालांकि झाटीकरा सीमा दो पहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए खुली है।

किसानों द्वारा जयपुर-दिल्ली एवं दिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध करने की घोषणा के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने आज शहर की सीमाओं पर सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ा दिए हैं। प्रदर्शन स्थलों पर यात्रियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इस लिहाज से भी कुछ उपाय किए गए हैं।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कृषि कानून का विरोध करते हुए कहा कि लोकतंत्र में निरंकुशता का कोई स्थान नहीं। आप और आपके मंत्रियों की नीति हर विरोधी को माओवादी और देशद्रोही घोषित करने की है। भीषण ठंड और बरसात में जायज़ मांगों के लिए धरने पर बैठे अन्नदाताओं से माफ़ी मांगिए और उनकी मांगें तत्काल पूरी करिए।

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