नहीं रहे ‘मसालों के शहंशाह’ धर्मपाल गुलाटी, आज सुबह हुई मृत्यु

चिरौरी न्यूज़

नई दिल्ली: MDH ग्रुप के मालिक और ‘मसालों के शहंशाह’ महाशय धर्मपाल गुलाटी अब इस दुनियां में नहीं रहे। आज सुबह 5।38 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 98 वर्षीय धर्मपाल गुलाटी का जीवन दुनियां के करोड़ों लोगों के लिए एक प्रेरणा है जिन्होंने ज़िन्दगी की मुश्किलों से कभी हार नहीं मानी और मसालों का सबसे बड़ा कारोबार खड़ा कर दिया।

दिल्ली की सड़कों पर तांगा चलाकर गुजारा करने से लेकर मसालों की दुनिया का बादशाह बनने तक जो उनकी सबसे बड़ी खासियत थी  उनकी सहृदयता और मिलनसार। जब भी किसी से मिलते थे तो बड़े ही आत्मीय तरीके से, और बातें इतनी मीठी कि कोई भी एकबार मिलकर अपना हो जाय।

पाकिस्तान के सियालकोट में 27 मार्च 1923 को जन्में धर्मपाल भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद दिल्ली आ गए और गुजर बसर के लिए तांगा चलाने का काम शुरू किया था। धर्मपाल दिल्ली रेलवे स्टेशन से क़ुतुब रोड और करोलबाग से बारा हिन्दू राव तक तांगा चलाते थे। लेकिन इसमें बरकत नहीं देख उन्होंने अपने पुश्तैनी कारोबार मसाले का काम शुरू किया। उन्होंने अजमल रोड पर एक छोटी सी दूकान खोली और सायकिल से जगह जगह अपने मसाले बेचने का काम शुरू किया। वहां से मसाले का जो सफ़र शुरू हुआ वह आज देश विदेश के कई शहरों में महाशियां दी हट्टी (एमडीएच) के ब्रांच हैं।

मसाला किंग के निधन पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, भारत के प्रतिष्ठित कारोबारियों में से एक महाशय धर्मपालजी के निधन से मुझे दुःख की अनुभूति हुई है। छोटे व्यवसाय से शुरू करने बावजूद उन्होंने अपनी एक पहचान बनाई। वे सामाजिक कार्यों में काफी सक्रिय थे और अंतिम समय तक सक्रिय रहे। मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने महाशय धर्मपाल के निधन पर दुख जताया। केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया के ट्वीट को रि-ट्वीट कर लिखा, धर्मपाल जी बहुत ही प्रेरणादायक व्यक्तित्व थे। उन्होंने अपना जीवन समाज के लिए समर्पित कर दिया। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

मनीष सिसोदिया ने उनकी कई तसवीरें पोस्ट की, जिसमें वो भी धर्मपाल जी के साथ नजर आ रहे हैं। सिसोदिया ने तसवीरों के साथ लिखा, भारत के सबसे प्रेरक उद्यमी, एमडीएच मालिक धर्मपाल महाशय का आज सुबह निधन हो गया, मैं ऐसी प्रेरक और जीवंत आत्मा से कभी नहीं मिला। उनकी आत्मा को शांति मिले।

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