एक आम क्रिकेटर से खास बनने की कहानी हैं धोनी

ईश्वर

महेंद्र सिंह धोनी महान क्रिकेटर हैं और रहेंगे। हैं का प्रयोग इसीलिए क्योंकि भारत में शायद ही उनके जैसा क्रिकेटर हुआ है। धोनी के फैन्स के लिए एक राहत की बात ये है कि उन्होंने सिर्फ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा है, आईपीएल को नहीं। आनेवाले दिनों में वो आईपीएल में खेलेंगे और जाहिर सी बात है अपना जलवा बिखेरने की कोशिश करेंगे।

आखिर महेंद्र सिंह धोनी क्यों हैं इतने खास जिनके लिए शनिवार शाम 7.29 बजे से लेकर अभी तक उनके फैन्स और धुर विरोधी भी उनकी  जिन्दगी और  खेल के हर पहलुओं को याद कर रहे हैं। एक आम से बेहद खास बनने की कहानी में कई ऐसे दौर आये जब महेंद्र सिंह धोनी ने विरोधियों को भी अपना मुरीद बना लिया।

एक सामान्य-सी घटना का जिक्र यहाँ करना चाहूँगा। शायद 2004 के लिए इंडिया A की टीम केन्या दौरे पर गयी थी जिसमें दिनेश कार्तिक और धोनी दोनों टीम में थे। कार्तिक बैटिंग प्रैक्टिस के लिए पैड पहन कर इंतज़ार कर रहे थे, और धोनी ने भी पैड पहन रखा था। बॉलर का इंतज़ार हो रहा था, कुछ देर इंतज़ार के बाद धोनी ने अपना पैड खोला और कार्तिक को बोलिंग करने लगे। धोनी तक़रीबन एक घंटा लगातार कार्तिक को बैटिंग प्रैक्टिस कराते रहे। कार्तिक ने भी धोनी को धन्यवाद कहा और दोनों हंसी मजाक करते हुए वापस ड्रेसिंग रूम चले गए।

एक कमेंटेटर जो कभी इंटरनेशनल क्रिकेटर भी रह चुके थे, लगातार दोनों को देख रहे थे। उन्होंने धोनी से पूछा, क्या कर रहे हो, अपने कम्पीटीटर का बैटिंग क्यों सुधार रहे हो? धोनी ने कहा, किस्मत में इंडिया के लिए खेलना होगा तो खेल लेंगे, उसके बैटिंग सुधरने से मेरा किस्मत थोड़े न बदल जाएगा।

कहने को यह एक सामान्य घटना थी। लेकिन एक छोटे शहर का लड़का जो एकदम से छल प्रपंच से दूर, और जिसे सिर्फ अपने टैलेंट पर भरोसा हो वही इस तरह का जवाब दे सकता है। कहना न होगा कि धोनी ने सिर्फ अपनी मेहनत के दम पर इतिहास लिखा है, और यही उनकी महानता का परिचय है।

दूसरी घटना ये है कि धोनी जब सफलता के कदम चूम रहे थे, तब एक बड़ी कंपनी ने उनको सिर्फ यह कह कर अपने प्रोडक्ट के प्रचार के लिए नहीं लिया कि वो डाउन मार्केट दीखते हैं। लेकिन कहते हैं कि आसमान में छेद हो सकता है, एक पत्थर तो तबियत से उछालो। सफल होने के बाद धोनी ने इतने ज्यादा एड किये कि उनकी गिनती मेस्सी और रोनाल्डो जैसे खिलाडियों में होने लगी। बाद में वो उस कम्पनी के लिए भी प्रचार किये।

धोनी के बैटिंग के दीवाने करोड़ों में हैं, उन्होंने कभी भी क्रिकेट के कॉपी-बुक स्टाइल का शॉट नहीं खेला। बैटिंग टेक्निक उनकी सबसे अलग थी, जिसके कारण बैटिंग में पवित्रता ढूंढनेवाले उन्हें हमेशा कमतर आंकते रहे, लेकिन धोनी ने अपने निराले बैटिंग अंदाज़ से आलोचकों को मुंहतोड़ जवाब दिया। वर्ल्ड कप में उनके द्वारा लगाया गया छक्का इतिहास बन चुका है।

किसी चैनल पर देख रहा था, जिसमें क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने कहा कि अगर उनकी जिन्दगी के कुछ ही पल बचे हों और उन पलों में उनसे पूछा जाय कि वो क्या करना पसंद करेंगे तो वो वर्ल्ड कप में धोनी के द्वारा लगाया गया छक्का देखना पसंद करेंगे।

क्रिकेट में अगर किसी एक शॉट की चर्चा होती है तो हेलीकाप्टर शॉट की होती है। ये धोनी का ट्रेड मार्क शॉट है। जिस डीपींग योर्कर बॉल को दुनिया के बड़े से बड़ा क्रिकेटर खेल नहीं पाता है उस बॉल पर धोनी हेलीकाप्टर शॉट लगा कर छह रन लेते हैं। अद्भुत और अकल्पनीय होता है ये उनका शॉट, तभी तो जब धोनी पर सिनेमा बनाया जा रहा था, तब इस शॉट को सिखने के लिए दिवंगत सुशांत सिंह राजपूत ने महीनो प्रैक्टिस की थी।

ऐसा नहीं है कि धोनी में सभी खूबियाँ ही है, कमियां उनमें भी हैं। और एक स्पोर्ट्स रिपोर्टर होने के नाते अगर मैं उनकी कमियों के बारे में नहीं लिखूं तो नाइंसाफी होगी। कहा जाता है कि उनकी कप्तानी के कारण कई क्रिकेटरों का करियर असमय ख़त्म हो गया, जिनमें मुख्यरूप से वीरेंदर सहवाग और गौतम गंभीर का नाम लिया जाता है। दूसरा आईपीएल मैच फिक्सिंग में जब चेन्नई सुपर किंग्स के मयप्पन का नाम आया था, तो उन्हें एक खिलाड़ी के तौर पर जरुर कुछ बोलना चाहिए था। उन्होंने चुप्पी साध ली। कुछ लोगों का कहना है कि मैच फिक्सिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट को एक सीलबंद लिफाफा सौंपा गया है जिसमें कुछ बड़े नाम शामिल हैं, और शायद धोनी को वो नाम पता है।

अब इस बात में कितनी सच्चाई है, ये तो धोनी ही जाने। लेकिन जहाँ तक कुछ खिलाडियों के करियर ख़त्म करने का सवाल है तो भारतीय कप्तान सिर्फ टीम का सिलेक्शन नहीं करता, चयनकर्ता के साथ वो अपना मंतव्य साझा करता है। हाँ, अगर कप्तान धोनी जैसा हो तो किसी खिलाड़ी के लिए वो चयनकर्ता से मांग कर सकते हैं। शायद सहवाग और गंभीर के लिए उन्होंने नहीं किया, या फिर सिलेक्शन कमिटी के आगे कुछ बोला ही नहीं। अब जो भी हों लेकिन ये बातें अब अतीत के पन्नों में है, जिसे कुरेदने से शायद कुछ न निकले। लेकिन एक बात जरुर है कि जब भी छोटे शहरों से निकल कर बड़े कमाल करने की बात होगी, धोनी का नाम उनमें जरुर आएगा। तभी तो धोनी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा हैं।

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