धुरंधर: मेजर मोहित शर्मा का परिवार रणवीर सिंह की फिल्म की रिलीज के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: रणवीर सिंह की बहुचर्चित फिल्म धुरंधर की रिलीज़ से ठीक एक सप्ताह पहले बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। अशोक चक्र और सेना मेडल से सम्मानित स्वर्गीय मेजर मोहित शर्मा के परिवार ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर फिल्म की रिलीज़ और स्क्रीनिंग पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।
परिवार का कहना है कि फिल्म में मेजर शर्मा के सैन्य करियर, उनके अंडरकवर मिशन और शहादत से गहराई से प्रेरित सामग्री दिखाई गई है, जबकि न तो परिवार और न ही भारतीय सेना से इस संबंध में कोई अनुमति ली गई।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि फिल्म के ट्रेलर और प्रमोशनल वीडियो में कई दृश्य ऐसे हैं जो कश्मीर में मेजर शर्मा द्वारा किए गए काउंटर-टेररिज़्म ऑपरेशन की याद दिलाते हैं। ट्रेलर जारी होने के बाद मीडिया और सोशल मीडिया पर रणवीर सिंह के किरदार और मेजर शर्मा के बीच समानताओं की खुलकर चर्चा हुई, लेकिन इसके बावजूद फिल्म के निर्माताओं ने इस जुड़ाव को स्वीकार करने से इनकार किया। परिवार का कहना है कि बिना इजाज़त किसी शहीद के जीवन को व्यावसायिक रूप से प्रस्तुत करना न सिर्फ असंवेदनशील है, बल्कि उनके मरणोपरांत व्यक्तित्व अधिकारों और परिवार की गोपनीयता तथा सम्मान के अधिकार का उल्लंघन भी है। याचिका में यह भी कहा गया है कि एक शहीद “कोई कमर्शियल चीज़ नहीं” है और उसकी ज़िंदगी को लाभ कमाने के लिए तोड़ा-मरोड़ा नहीं जा सकता।
परिवार ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताएँ भी उठाई हैं। उनका कहना है कि फिल्म में ऑपरेशनल डिटेल्स, संवेदनशील सैन्य रणनीतियों और घुसपैठ के तरीकों को दिखाया गया है, जबकि यह स्पष्ट नहीं है कि निर्माताओं ने भारतीय सेना के एडिशनल डायरेक्टरेट जनरल ऑफ पब्लिक इन्फॉर्मेशन (ADGPI) से स्क्रिप्ट या कंटेंट की मंज़ूरी ली है। ADGPI वही संस्था है जो यह सुनिश्चित करती है कि मीडिया और फिल्मों में भारतीय सेना का चित्रण सटीक और सुरक्षित हो, पर याचिका के अनुसार ऐसी किसी मंज़ूरी का कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है।
याचिका में केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय, ADGPI, फिल्म के निर्देशक और सहनिर्माता आदित्य धर, जियो स्टूडियोज़ और प्रोड्यूसर ज्योति देशपांडे को पक्षकार बनाया गया है। परिवार ने अदालत से अनुरोध किया है कि जब तक उन्हें फिल्म की निजी स्क्रीनिंग नहीं दिखाई जाती, तब तक इसकी रिलीज़ पर रोक लगाई जाए।
इसके साथ ही, किसी भी वास्तविक सैन्य नायक के जीवन पर आधारित फिल्म बनाने से पहले शहीद के कानूनी वारिसों और भारतीय सेना से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य करने की मांग भी की गई है।
इस विवाद के बीच, निर्देशक आदित्य धर ने दो दिन पहले ही सोशल मीडिया पर स्पष्ट किया था कि धुरंधर मेजर मोहित शर्मा की कहानी पर आधारित नहीं है। हालांकि, परिवार का कहना है कि ट्रेलर और प्रमोशनल सामग्री में दिखाई गई समानताएँ इस दावे पर गंभीर सवाल उठाती हैं। अब फिल्म की नियत तारीख पर रिलीज़ अदालत के फैसले पर निर्भर करती है, जिसने इस मामले को और ज्यादा संवेदनशील और रोचक बना दिया है।
