पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कोरोना पर की खास बातें
अंकित कुमार
नई दिल्ली: 26 अप्रैल महीने का आखिरी रविवार था। ‘मन की बात’ कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को ही प्रसारित होता है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 64वें एडिशन के जरिए देश को संबोधित किया। इससे पहले पीएम ने 24 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी, जिसे बढ़ाकर तीन मई तक कर दिया गया, जिससे देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिले। मन की बात कार्यक्रम में बहुत सारे मुद्दों को प्रधानमंत्री ने छूने की कोशिश की.
रमजान पर बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ‘साथियो, रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है। अब अवसर है इस रमजान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाए। उन्होंने कहा, कि कोई अपनी पूरी पेंशन, पुरस्कार राशि को पीएम केयर्स में जमा करा रहा है। कोई खेत की सारी सब्जियां दान दे रहा है, कोई मास्क बना रहा है। कहीं मजदूर भाई-बहन क्वरंटाइन के बाद स्कूल की रंगाई-पुताई कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे किसान भाई-बहनों को ही देखिए। वे एक तरफ इस महामारी के बीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और इस बात की भी चिंता कर रहे हैं कि देश में कोई भी भूखा ना सोए।
‘कोरोना से लड़ाई है एक बड़ा महायज्ञ’
पीएम मोदी ने कहा कि ताली, थाली, दीया, मोमबत्ती, इन सारी चीजों ने जिन भावनाओं को जन्म दिया, जिस जज्बे से देशवासियों ने कुछ-न-कुछ करने की ठान ली है, हर किसी को इन बातों ने प्रेरित किया है। शहर हो या गांव, ऐसा लग रहा है जैसे देश में एक बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है, जिसमें हर कोई अपने योगदान के लिए आतुर है।
लॉकडाउन ने बदला नजरिया, पुलिस की भी हो रही तारीफ
पीएम ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान लोगों का नजरिया बदला है, उन्होंने कहा कि डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों, अन्य सेवा करने वाले लोग हों-इतना ही नहीं, हमारी पुलिस व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफी बदलाव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों या फिर अन्य सेवा करने वाले लोग हों।
हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है। हमारे पुलिसकर्मी गरीबों, जरूरतमंदो को खाना और दवा पंहुचा रहे हैं। पीएम ने कहा कि जिस तरह से हर मदद के लिए पुलिस सामने आ रही है इससे पुलिसिंग का मानवीय और संवेदनशील पक्ष हमारे सामने उभरकर के आया है। हमारे पुलिसकर्मियों ने इसे जनता की सेवा के एक अवसर के रूप में लिया है।
ऐसे बनें कोरोना वॉरियर्स
पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश की जनता अपनी भावना के अनुरूप देश के लिए कुछ करना चाहती है तो सरकार ने इसके लिए एक डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है। इस प्लेटफॉर्म पर कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधा और इच्छा के मुताबिक योगदान दे सकता है। इस प्लेटफॉर्म का नाम है covidwarriors.gov.in इस वेबसाइट पर जाकर लोग कोरोना से संघर्ष में अपना योगदान दे सकते हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से तमाम सामाजिक संस्थाओं के वॉलंटियर्स, सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि और स्थानीय प्रशासन को एक दूसरे से जोड़ दिया है। पीएम ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान देशवासियों ने जो संकल्प शक्ति दिखाई है, उससे भारत में एक नए बदलाव की शुरूआत हो गई है। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम मन की बात में कहा है कि कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई जन भागीदारी से जुड़ी है। पीएम ने कहा कि भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई जनता लड़ रही है, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन भी बख़ूबी लड़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत जैसा विशाल देश जो विकास के लिए प्रयत्नशील है, गरीबी से निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है, उसके पास कोरोना से लड़ने और जीतने का यही एक तरीका है। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूरे देश में, गली-मोहल्लों में, जगह जगह पर लोग एक दूसरे की मदद करने के लिए आगे आए हैं। पीएम ने कहा कि कोई मास्क बना रहा है तो मजदूर भाई बहन उन स्कूलों की रंगाई पुताई कर रहे हैं जहां वो ठहरे हुए थे। पीएम ने कहा कि पिछले कुछ सालों ने बड़े उद्देश्यों के लिए जन भागीदारी की भावना बढ़ी है, और वे 130 करोड़ देशवासियों की इस भावना को नमन करते हैं।
मन की बात में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि चाहे करोड़ों लोगों का गैस सब्सिडी छोड़ना हो, लाखों सीनियर सिटिजन का रेलवे सब्सिडी छोड़ना हो, स्वच्छ भारत अभियान का नेतृत्व लेना हो, टॉयलेट बनाने हो, ऐसी अनगिनत बातें है, जिनसे इन सारी बातों से पता चलता है कि हम सबको, एक मन, एक मजबूत धागे में पिरो दिया है, और एक होकर देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर मुश्किल हालात, हर लड़ाई, कुछ-न-कुछ सबक देती है, कुछ-न-कुछ सिखा करके जाती है, सीख देती है। सब देशवासियों ने जो संकल्प शक्ति दिखाई है, उससे, भारत में एक नए बदलाव की शुरुआत भी हुई है। हमारे बिजनेस, हमारे दफ्तर, हमारे शिक्षण संस्थान, हमारे मेडिकल सेक्टर, हर कोई, तेजी से नए तकनीकी बदलावों की तरफ बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूरे देश में गली मोहल्लों में, जगह जगह पर आज लोग एक दूसरे की सहायता के लिए आगे आए हैं, गरीबों के लिए खाने से लेकर राशन की व्यवस्था हो लॉकडाउन का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, मेडिकल इक्वीपमेंट का देश में निर्माण हो-आज पूरा देश एक लक्ष्य, एक दिशा, साथ साथ चल रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई सही मायने में ‘people driven’ है। भारत में कोरोना के खिलाफ लड़ाई जनता लड़ रही है, आप लड़ रहे हैं, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भाग्यशाली हैं कि आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन इस लड़ाई का सिपाही है और लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है। आज पूरा देश, एक लक्ष्य, एक दिशा के साथ आगे बढ़ रहा है। साथ ही उन्होंने अपील की कि कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें।
कोप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हमारे जो फ्रंटलाइन सोल्जर हैं उनसे आज हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है. पीएम ने कहा कि डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ से हमें सीखने की जरूरत है. पीएम ने कहा कि कोरोना को हराने वाले साथियों से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है.
सोशल डिस्टेंस बढ़ाओ, इमोशनल डिस्टेंस घटाओ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्होंने लोगों से सोशल डिस्टेंस बढ़ाने को कहा है, लेकिन इस दौरान वे इमोशनल डिस्टेंस घटा सकते हैं और अपने सगे-संबंधियों, पुराने दोस्तों, परिचितों से बात कर सकते हैं. अपने शौक पूरा कर सकते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब उन्हें ये जानकारी मिली कि क्वारनटीन हुए लोगों के साथ कुछ लोग बदसलूकी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमें ऐसे लोगों को लेकर संवेदनशील होना पड़ेगा.
पीएम मोदी ने देश से मांगी माफ़ी
मन की बात में पीएम ने देशवासियों से माफी मांगी. कोरोना से लड़ने के लिए कड़े फैसले जरूरी थे. सोशल डिस्टेंस बढ़ाइए, इमोशनल डिस्टेंस घटाइए.
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि वे देशवासियों से क्षमा मांगते हैं, क्योंकि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए कुछ ऐसे फैसले लेने पड़े हैं जिनसे देशवासियों को तकलीफ उठानी पड़ रही है, पीएम मोदी ने गरीबों से विशेषकर क्षमा मांगी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ फैसलों की वजह से आपकी जिंदगी में परेशानी आ गई है। गरीबों को खास दिक्कत हुई है, जिसके लिए आपमें से कुछ हमसे नाराज भी होंगे। लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए ये कदम जरूरी थे, पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस इंसान को मारने की जिद ले बैठा है, उन्होंने कहा कि लॉक डाउन आपको बचाने के लिए लगाया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कोविड 19 से लड़ाई कठिन है और इससे मुकाबले के लिए ऐसे फैसलों की जरूरत थी, भारत के लोगों को सुरक्षित रखने के लिए ये जरूरी था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वे समझते हैं कि कोई भी जान बूझकर कानून नहीं तोड़ना चाहता है. लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं। पीएम ने कहा कि वे ऐसे लोगों से कहना चाहते हैं कि अगर वे लॉकडाउन का पालन नहीं करते हैं तो इस बीमारी से लड़ना और भी मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन को न मानने वाले लोग अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हमारे जो फ्रंटलाइन सोल्जर हैं उनसे आज हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ से हमें सीखने की जरूरत है। पीएम ने कहा कि कोरोना को हराने वाले साथियों से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है।
कोरोना के ठीक हुए लोगों से की मन की बात
प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में वैसे लोगों से बात की जो कोरोना वायरस के संक्रमण में आए और इलाज करवाकर ठीक हुए हैं। पीएम ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर राम और आगरा के अशोक कपूर से बात की। राम ने कहा कि लॉकडाउन जेल जैसा नहीं है और लोग नियमों का पालन कर ठीक हो सकते हैं। अशोक कपूर ने कहा कि वे आगरा के स्वास्थ्यकर्मियों और स्टाफ को धन्यवाद देना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पताल के कर्मचारियों और स्टाफ ने उनकी मदद की।
प्रधानमंत्री ने कोरोना के मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टरों से भी बात की। डॉक्टरों ने बताया कि वे पूरे जज्बे के साथ कोरोना के मरीजों का इलाज कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आचार्य चरक की पंक्तियों की चर्चा करते हुए कहा कि जो बिना किसी भौतिक कामना के मरीजों की सेवा करता है, वही सच्चा और सबसे बढ़िया डॉक्टर है। पीएम ने कहा कि वे सभी नर्सों को सैल्युट करते हैं जो अतुलनीय निष्ठा के साथ मरीजों की सेवा कर रहे हैं।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने इस मुश्किल समय में किराना दुकान चलाने वाले, ई कॉमर्स, बैंकिंग, डिजिटल ट्रांजेक्शन को संभव बनाने वाले लोगों को याद किया और उन्हें सैल्यूट किया।