डीयू के ईसी-एसी चुनावों के लिए शिक्षक संगठन की बैठक में चर्चा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: भारत में उच्च शिक्षा के सामने आ रही चुनौतियों का सामना करने के लिए डीयू एसी और ईसी उम्मीदवारों ने आगामी चुनावों में शिक्षकों को संगठित करने के लिए एक गहन बैठक की। इस बैठक में डीयू के ईसी-एसी चुनावों के लिए उम्मीदवारों को नामित किया गया और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
ऋचा राज (ईसी सदस्य उम्मीदवार) ने कहा, ” मैं शिक्षकों के अधिकारों के साथ समावेशी और समतावादी उच्च शिक्षा की आवाज़ बनूंगी, जो सभी वर्तमान में NEP 2020 और इसके निजीकरण और ठेकाकरण के एजेंडे के तहत गंभीर खतरे में हैं। शिक्षकों की नौकरी में कटौती हो रही है क्योंकि EWS आरक्षण के मद्देनजर जो अतिरिक्त आने थे वो अब तक आए नहीं।मेरा मानना है कि वित्तीय सुरक्षा के लिए पुरानी पेंशन योजना ही एकमात्र विकल्प है। पेंशन के मामले में शिक्षकों के साथ भेदभाव स्वीकार्य नहीं है। हम सब को एक कारगर स्वास्थ्य सुविधा मिले और डीयू के स्वास्थ्य केंद्र में कॉलेज शिक्षकों को भी सदस्यता मिले, इसके लिए संघर्ष करूंगी। इसके अलावा, केवल कुल तदर्थ सेवाओं की गणना ही हमारी पदोन्नति को सार्थक बना सकती है।”
सीमा दास (ईसी सदस्य एवं राज्य प्रभारी AADTA) ने कहा, ” “एएडीटीए एसी और ईसी जैसी वैधानिक संस्थाओं में रचनात्मक रूप से भाग ले रहा है ताकि मुद्दों को सुलझाया जा सके और साथ ही शिक्षकों के हितों और उच्च शिक्षा पर हमलों का विरोध किया जा सके। हम एडहॉक शिक्षकों के लिए मातृत्व अवकाश सुनिश्चित करने, कार्यरत एडहॉक और अस्थायी शिक्षकों के समावेश/नियमितीकरण के लिए कुलपति से आश्वासन प्राप्त करने और बड़ी संख्या में पदोन्नति को सुव्यवस्थित करने में सक्षम रहे हैं। सभी वैधानिक पीएफ समिति की बैठकों में, हम ओपीएस के लिए दबाव डालते रहे हैं। डीयू के 12 कॉलेज जिन्हें शत प्रतिशत अनुदान दिल्ली सरकार से मिलता है, उनके नियमति और यथोचित राशि दिए जाने की मांग करते है। साथ ही इसी के इस प्रस्ताव को तत्काल लागू किया जाए जिसके तहत इन कॉलेजों को यूजीसी द्वारा अधिगृहित किए जाने की मांग की गई है।हम वर्तमान यूजीसी व शिक्षा मंत्रालय से लड़ रहे हैं क्योंकि आज ये दोनों संस्थाएं सरकारी समूह के सदस्यों की मिलीभगत से निजीकरण और संविदाकरण को लागू कर रही हैं । ऐसी दशा में हम असहमति की अकेली आवाज़ हैं। असहमति के इस आवाज की पहले की तुलना में अब अधिक आवश्यकता है।”
पार्टी के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. आदित्य नारायण मिश्रा और पार्टी प्रभारी संजीव झा, विधायक ने इस बैठक में शिक्षकों को संगठित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
6 फरवरी 2025 को डीयू के ईसी-एसी चुनाव ऐसे समय हो रहे हैं जब आज उच्च शिक्षा अराजक नीतिगत माहौल के बीच खड़ी है , फंड में भारी कटौती हो रही है और फैकल्टी की नौकरी में कटौती हो रही है , अति केंद्रीकरण चारों ओर व्याप्त है और छात्रों को निजी विश्वविद्यालयों में जाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है।
विगत चुनावों में शिक्षकों का जनादेश हासिल करने के बाद आगामी चुनाव में भी शिक्षकों का जनादेश हासिल करने हेतु निम्नलिखित कार्यकर्ता-उम्मीदवारों को वैधानिक निकायों में समूह के संघर्ष को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है:
ऋचा राज (ईसी उम्मीदवार), जो वर्तमान में जे.एम.सी. स्टाफ एसोसिएशन की अध्यक्ष हैं और दो बार एसी की सदस्य रह चुकी हैं। डॉ. पवन कुमार (एसी उम्मीदवार), जो छह कार्यकालों तक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में डॉ. बी. आर. अंबेडकर स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष रहे हैं। डॉ. ममता चौधरी (एसी उम्मीदवार), जो वर्तमान में एसी की सदस्य हैं और एएडीटीए की राज्य कार्यकारिणी की सदस्य हैं। डॉ. टी. एन. ओझा (ईसी उम्मीदवार), जो डूटा कार्यकारिणी के सदस्य और महाराजा अग्रसेन कॉलेज के स्टाफ एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं। डॉ. राम किशोर यादव (ईसी उम्मीदवार), जो श्री वेकटेश्वर कॉलेज के अध्यक्ष और एसी के सदस्य हैं। डॉ. राहुल कुमार (एसी उम्मीदवार), जो कैंपस लॉ सेंटर में पढ़ाते हैं और डूटा कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं।
बैठक के अंत में सभी उम्मीदवारों ने शिक्षकों से अपील की कि वे आगामी चुनावों में हमारे उम्मीदवारों को प्राथमिकता देकर, शिक्षक आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए अपना समर्थन दें।