भूकंप-सुरक्षित बुलेट ट्रेन, एआई और सुरक्षा: प्रधानमंत्री मोदी का जापान पर बड़ा एजेंडा
चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 से 30 अगस्त 2025 तक जापान के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। यह उनका जापान का आठवां दौरा होगा। इस दौरान वे जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जो शुक्रवार को आयोजित होगा।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मंगलवार को जानकारी दी कि “15वां शिखर सम्मेलन दोनों प्रधानमंत्रियों को द्विपक्षीय संबंधों की गहराई से समीक्षा करने, पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति का जायज़ा लेने और क्षेत्रीय व वैश्विक महत्व के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर देगा।”
उन्होंने आगे कहा, “यह दौरा नए पहलों की शुरुआत का भी मंच बनेगा जिससे दोनों देशों के संबंधों में लचीलापन आएगा और उभरते अवसरों एवं चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना किया जा सकेगा।”
रणनीतिक साझेदारी पर होगी बातचीत
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री इशिबा “विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी” की समीक्षा करेंगे, जो रक्षा और सुरक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था, प्रौद्योगिकी और नवाचार, और जनता से जनता के संबंधों जैसे क्षेत्रों को शामिल करती है। दोनों नेता क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।
सेन्दाई की यात्रा और बुलेट ट्रेन परियोजना पर फोकस
दोनों प्रधानमंत्री शिखर सम्मेलन के बाद सेन्दाई शहर की यात्रा करेंगे, जो सेमीकंडक्टर के लिए प्रसिद्ध है। वे वहां तक जापान की बुलेट ट्रेन से यात्रा करेंगे। इस दौरान भारत में भविष्य की बुलेट ट्रेन परियोजनाओं में जापान की संभावित भागीदारी पर बातचीत होगी, खासकर मुंबई-अहमदाबाद मार्ग के बाद की योजनाओं पर।
जापान ने इस परियोजना के लिए उपयोग हो रही ई5 सीरीज की बुलेट ट्रेनों के साथ-साथ नई ई10 सीरीज की बुलेट ट्रेनें भारत में एकसाथ शुरू करने की पेशकश की है। ई10 ट्रेनों की अधिकतम गति ई5 जैसी ही 320 किमी प्रति घंटा है, लेकिन इनमें भूकंप की स्थिति में पटरी से उतरने से रोकने की सुविधा और भविष्य में ड्राइवरलेस संचालन की क्षमता भी शामिल है।
फंडिंग और आर्थिक सहयोग
जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) इस हाई-स्पीड रेल परियोजना के लिए ₹88,000 करोड़ (कुल लागत ₹1,08,000 करोड़ का लगभग 81%) का वित्तपोषण कर रहा है। बाकी राशि भारत सरकार के रेल मंत्रालय और महाराष्ट्र व गुजरात राज्य सरकारें मिलकर वहन करेंगी।
सुरक्षा सहयोग और आर्थिक सुरक्षा पहल
भारत और जापान 2008 में हुए सुरक्षा सहयोग पर संयुक्त घोषणा को भी अपग्रेड करेंगे। इसके अलावा एक आर्थिक सुरक्षा पहल शुरू की जाएगी, जिसमें सेमीकंडक्टर्स, क्रिटिकल मिनरल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टेलीकम्युनिकेशन और क्लीन एनर्जी जैसे अहम क्षेत्र शामिल होंगे।
विदेश सचिव मिस्री ने कहा, “भारत और जापान साझा मूल्यों, भरोसे और रणनीतिक सोच वाले देश हैं। ये एशिया की दो सबसे बड़ी लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं हैं और विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हैं। दोनों देशों के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन सर्वोच्च स्तरीय संवाद प्रणाली का प्रतीक है।”