भारत पर अमेरिका द्वारा 50% टैरिफ लगाने के बीच रूस के साथ व्यापार बढ़ाने पर जोर, जयशंकर ने दी रूसी कंपनियों को भारत में निवेश की दावत

चिरौरी न्यूज
नई दिल्ली: मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रूस की कंपनियों से भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों ने विदेशी कंपनियों के लिए नए अवसर खोले हैं, जिनका लाभ रूसी कंपनियों को उठाना चाहिए।
जयशंकर ने कहा, “भारत की 4 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की जीडीपी और आने वाले वर्षों में 7% की वृद्धि दर इस बात का संकेत है कि भारत को भरोसेमंद स्रोतों से बड़े पैमाने पर संसाधनों की आवश्यकता है। उर्वरक, रसायन और मशीनरी जैसे जरूरी उत्पादों की सुनिश्चित आपूर्ति इसके उदाहरण हैं। भारत का बढ़ता हुआ बुनियादी ढांचा उन उद्यमों के लिए अवसर लेकर आया है जिनका अपने देश में मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड है।”
उन्होंने कहा कि भारत में हो रहे आधुनिकीकरण और शहरीकरण से उपभोग और जीवनशैली में बदलाव आ रहा है, जो नए व्यापारिक अवसर पैदा कर रहे हैं। “इन सभी आयामों को रूसी कंपनियों के लिए भारत के साथ और अधिक गहराई से जुड़ने के निमंत्रण के रूप में देखा जाना चाहिए। हमारा प्रयास यही है कि हम उन्हें इस दिशा में सक्रिय होने के लिए प्रेरित करें,” उन्होंने कहा।
जयशंकर ने यह भी स्वीकार किया कि भारत और रूस के बीच वर्षों से स्थिर और मजबूत संबंध रहे हैं, लेकिन इसका आर्थिक सहयोग पर वैसा असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा, “हमारा व्यापारिक ढांचा सीमित रहा है और व्यापार मात्रा भी हाल तक कम थी। हाल के वर्षों में इसमें वृद्धि हुई है, लेकिन व्यापार घाटा भी बढ़ा है। अब व्यापार का विविधीकरण और संतुलन बेहद जरूरी हो गया है।”
उन्होंने दोनों देशों के बीच और गहरे सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए भारत की ओर से अधिक निवेश, संयुक्त उद्यमों और अन्य साझेदारियों की इच्छा जताई।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने भारत से आयातित कुछ उत्पादों पर 50% तक का टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ऐसे में भारत रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में सक्रियता दिखा रहा है।
